दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये
गोपाल दास गर्ग
जनता बनी है सानी सबकी 
दीनबन्धु भये मंत्री -अफसर, नेता दीनानाथ कहाये। 
दीन हीन जनता ने पूजा, फिर भी उसके कष्ट बढ़ृाये ॥1॥
कुर्सी-धारक करते मनमर्जी, नहीं सुनते हैं किसी की अर्जी. ॥2॥
 मंत्री खाता, अफसर खाता, नेता खाता और खिलाता।
जनता बनी है  सानी सबकी, सत्ताकी खदान में खाता ॥ 3॥
धन लोलुपता की बाढ़ आ गई, मान वहे मनमानी में। 
घर-द्वार सब चौपट हो गया, आपसी खींचातानी में ॥ 4॥
धन आधारित राजनीति में, नैतिकता का हरण हुआ।
देश समर्पित नेताओं का, राजनीति से क्षरण हुआ ॥ 5॥
शासन और प्रशासन में, धरणीधर का मान है।
आम प्रजाजन रोता फिरता,नहीं कोई पहचान है॥ 6॥
दलतंत्र भगाओं- जनतंत्र बचाओं अभियान में, 
सबका कद समान है। ना ही कोई छोटा-बड़ा ना कोई पद पहचान है। 
तरण करेगा इस पीड़ा से, ऐसा यह अभियान है ॥ 7॥
प्रस्तुती..गोपालदास गर्ग मुरैना

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