गुरुवार, 3 सितंबर 2009

सी.ई.ओं समय रहते कार्यवाही करता तो बच जाती कृषक की जान - मामला कृषक अचल सिंह की मौत का (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

सी.ई.ओं समय रहते कार्यवाही करता तो बच जाती कृषक की जान - मामला कृषक अचल सिंह की मौत का 

मुरैना..राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी आम गरीब व मजदूरों की भलाई के लिये आरंभ की गई मगर योजना के क्रियाव्यवन में अधिकारी व सरपंचों की मनमानी के चलते जान लेवा सावित हो रही हैं।

जिले की पहाडगढ़ जनपद पंचायत के अन्तर्गत आनेवाली ग्राम पंचायत सिगरौली के  मजरा माता का पुरा निवासी राजेश सिकरवार के लिये उक्त योजना अभिशाप वन कर रह गई। इस योजना के अन्तर्गत बनाने वाली सड़क के करण 24 अगस्त 09 को राजेश के सिर से उसके पिता का साया हमेशा के लिये उठ गया।

पहाडगढ़ जनपद पंचायत के सी.ईओ. के घटना के तीन दिन पूर्व मृतक कृषक अंचल सिंह सिकरवार ने एकआवेदन देकर सड़ग निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गई थी मगर सीईओ ने आवेदन को रददी की टोकरी में डाल दिया। ओर ग्राम पंचायत के सरपंच ने नरेगा की योजना का रूख अंचल सिंह के खेत की ओर कर दिया जब अंचल सिंह ने सरपंच से रोड निर्माण पर रोक लगाने की मांग की तो सरपंच की ओर से उसे जान से मारने की धमकी मिली। ग्राम पंचायत सरपंच की धमकियों से तंग आकर विकलांग कृषक अंचल ंसिह सिकरवार ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक  कृषक ने मरने से पहिले जो सुसाइट नोट लिखा है उसमें अपनी मौत के लिये सरपंच को जिम्मेदार ठहराया गया।

घटना के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर सुसाईट नोट को जप्त कर विवेचना की जा रही है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सरपंच मामले को दबाने के लिये प्रयासरत है।

 

 

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