शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

बेटों को पूंजी एवं बेटियों को न बोझ समझें , मुरैना जिले में लिंगानुपात की स्थिति 1000 पुरूष पर 822 महिलायें (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

बेटों को पूंजी एवं बेटियों को न बोझ समझें ,  मुरैना जिले में लिंगानुपात की स्थिति 1000 पुरूष पर 822 महिलायें

मुरैना.. पिछले दो दशकों में जन्म के समय लिंग अनुपात में गिरावट का झुकाव खासतौर पर चिंताजनक है, यह बढ़ती हुई लिंग निर्धारण की घटनाओं को दर्शाता है। यह समाज में फैली पुरूष प्रधान मानसिकता को दर्शाता है। पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम  कठोरता से लागू करने हेतु हमारा राज्य दृण संकल्पित है। इसके बाबजूद भी इसके क्रियान्वयन के प्रति संबधित संवेदन नहीं है। यह चिंता की बात है। यह बात रतन वेल फेयर सोसायटी द्वारा लिंग चयन के विरूद्ध निकाली जा रही थी। यात्रा द्वारा जौरा के पचबीघा में आयोजित आमसभा के दौरान पूर्व विधायक गजराज सिंह ने कही। आम सभा में भाजपा के उपाध्यक्ष उदयवीर सिंह सिकरवार एवं श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष सतेन्द्र परमार ने आमसभा में उपस्थित होकर सभा को संबोधित किया। विदित है कि मुरैना जिला म.प्र. में लिंगानुपात की दृष्टि से सबसे पिछड़ा जिला है। इसी को ध्यान में रखते हुए जौरा विकास खण्ड में लिंग चयन के खिलाफ लोगों को जागरूकता करने के उद्वेश्य से समता समानता रथ यात्रा का आयोजन रतन वेल फेयर सोसयटी द्वारा किया गया जो जौरा विकास खण्ड के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चेतना जगाते हुऐ बागचीनी चौखटटा उडेहरी विलगांव अलापुर, सिलायथा होते हुये कल महाराज पुरा पहुची। जहां चार बजे रघुराज कंषाना सहित जनपद पहाड़गढ के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सदस्य जिला पंचायत भूरे सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।  इय यात्रा में कालेज में पड़ने वाली एवं महिलाओं ने भी भाग लिया। रथ यात्रियों में प्रगति शर्मा शैलजा शिवहरे, श्रीमती नेहा , मनोज कुलश्रेष्ठ, महेश यादव, राजेश शर्मा सतेन्द्र विद्यार्थी शामिल होकर समस्या के प्रति जागरूकता फैला रहें है।

 

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