शुक्रवार, 1 जून 2007

जिले के औद्योगिक विकास पर संगोष्ठी सम्पन्न

मुरैना में कृषि आधारित उद्योगों की प्रवल सम्भावना

जिले के औद्योगिक विकास पर संगोष्ठी सम्पन्न

 

मुरैना 31 मई07- जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा जिले के औद्योगिक विकास, सम्भावनायें, सुझाव और शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं पर संगोष्ठी आयोजित की गई । उद्योगपति सुश्री मनोरमा जैन की अध्यक्षता में सम्पन्न इस संगोष्ठी में जिले में कृषि आधारित तथा विशेषकर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की प्रवल सम्भावना के दृष्टिगत इन उद्योगों की स्थापना पर बल दिया गया । इस अवसर पर उद्योगपति उद्यमी, बैंकर्स और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

       सुश्री मनोरमा जैन ने उद्योगपति तथा उद्यमियों की सुविधा के लिए उद्योग केन्द्र में स्थापित एकल खिड़की प्रणाली को प्रभावी बनाने पर जोर दिया । उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सरसों की पैदावार में अग्रणी है और यहां तेल मिल उद्योगों की स्थापना की भी प्रवल सम्भावना है । उपस्थित उद्योग पतियों ने भी अपनी समस्या व सुझावों से अवगत कराया तथा तेल मिलों को भी शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं और योजनाओं के लाभ के लिए पात्र घोषित करने की मांग की । एम.पी.एग्रों के श्री आर.के.साहू ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना में सहयोग के लिए एग्रों द्वारा 6 लाभकारी योजनायें प्रारंभ की गई हैं । इन योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश व्यापी 29 सेमीनार आयोजित किये जायेंगे ।

       जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री धनजंय शर्मा ने उद्योगपतियों को बैंक की ओर से हर संभव सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया ।

       प्रारंभ में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक श्री एन.आर.सूर्यवंशी ने संगोष्ठी के उध्देश्यों पर प्रकाश डाला । उन्होंने बताया कि वर्ष 2006-07 में उद्योग केन्द्र ने समस्त योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है ।उन्होने कहा कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत भूमि भवन प्लांट और मशीनरी की लागत का 15 प्रतिशत अथवा अधिकतम 15 लाख रूपये का अनुदान देय है । इसी प्रकार सात वर्ष की अवधि के लिए 5 प्रतिशत अथवा अधिकतम 20 लाख रूपये के ब्याज अनुदान का लाभ दिया जाता है । उन्होंने बताया कि मध्यम उद्योगों के पंजीयन के लिए पहले दिल्ली तक जाना पड़ता था । अब 10 करोड़ रूपये तक के उद्योगों के पंजीयन के लिए महाप्रबंधक अधिकृत किये गये हैं।

       संगोष्ठी को प्रबंधक श्री एम.एल.अटल, जिला पंजीयक श्री जे.पी.खरे, कोषालय अधिकारी श्री एस.आर.मौर्य, नावार्ड के प्रबंधक आदि ने भी संबोधित किया । अंत में सभी की उपस्थिति के प्रति प्रबंधक श्री आर.एस. जाटव ने आभार व्यक्त किया ।

 

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