मंगलवार, 29 मई 2007

सूचना का अधिकार के आवेदन पर शिक्षा विभाग में हड़कम्प

सूचना का अधिकार के आवेदन पर शिक्षा विभाग में हड़कम्प

करोड़ों के गबन और गोलमाल की खुल सकती है पोल,बाबू और अफसर छुटटी लेकर फरार

पठठे मलाई मार रहे थे,सूचना का अधिकार ने की हर हर गंगे

विशेष रिपोर्ट- संजय गुप्‍ता (मांडिल) जिला संवाददाता मुरैना

मुरैना 24 मई 2007 ! भारत सरकार के सूचना का अधिकार अधिनियम को ठण्डे बस्ते में फेंक कर बेतकल्लुफ हो भ्रष्टाचार की भ्रष्टोत्री में डुबकियां लगा रहे शिक्षा महकमे में सूचना का अधिकार के तहत हाल ही में आये एक आवेदन ने पसीने छुड़ा दिये हैं !

ज्ञात हुआ है कि मुरैना के एक समाजसेवी पत्रकार अशोक शर्मा जो कि श्रमजीवी पत्रकार संघ के मुरैना जिलाध्यक्ष रहे हैं, ने एक आवेदन हाल ही में भारत सरकार के सूचना का अधिकार अधिनियम में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मुरैना को प्रस्तुत किया है, इसमें श्री शर्मा ने जिला पर्यावरण क्लब योजना के बारे में और रेडक्रास के बारे में चन्द जानकारीयां मांगीं हैं ! बताया जाता है कि उनके इस आवेदन में मांगी गयी सूचनाओं को बारीकी से देखने पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अफसरों और बाबुओं के पसीने छूट गये !

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2001 से स्कूलों में पर्यावरण क्लब गठन करने के लिये एक नेशनल ग्रीन कोर नामक योजना चलाई जा रही है जिसमें सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक लाख रू का अनुदान सहायता भी इन पर्यावरण क्लबों को दी जाती है ! वर्ष 2001 और 2002 में मुरैना जिला में धुंआधार चले और काफी मशहूर हुये ये सभी 160 पर्यावरण क्लब जिले से रातों रात गायब हो गये ! हर पन्द्रह दिन के अन्तराल पर होने वाली इसकी समिति की बैठकें भी मई 2002 के पश्चात नहीं हुयी !

इसके बाद तगड़ा फर्जीवाड़ा और गबन जिले में हुआ ! सूत्र बताते हैं कि जिला शिक्षा विभाग मुरैना ने एक फर्जी आदेश जारी कर मुरैना जिला के सभी प्रायमरी, मिडिल एवं हाईस्कूलों व इण्टरमीडियेट के छात्र छात्राओं से पर्यावरण शुल्क के नाम से 5 से 10 रू वसूलना शुरू कर दिये ! मजे की बात यह है कि इस प्रकार का शुल्क वसूलने का प्रावधान न तो योजना में ही था और न म.प्र. शिक्षा संहिता में ही ऐसा कोई मद निर्धारण है ! न कभी कोई शासकीय परिपत्र या आदेश कभी ऐसा जारी हुआ ! इसके बावजूद जिले भर के छात्रों से यह शुल्क दनादन हर साल आज दिनांक तक वसूला गया ! केवल वसूला ही नहीं गया बल्कि इस शुल्क को भरने के लिये स्कूल वालों और छात्रों को डराया धमकाया गया, उनके परीक्षा फार्म भरवाने और छात्रों की परीक्षायें करवाने से इन्कार कराने से लेकर उनके स्कूलों की मान्यतायें समाप्त करने, मान्यता का पुनर्नवीकरण न करने जैसी धमकीयां के आदेश व नोटिस लिखित में जारी किये गये !

इस प्रकार फर्जी शुल्क वसूली जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना और कार्यालयीन बाबुओं ने मिलकर 7 साल तक की, ज्ञातव्य है कि जिला मुरैना में लगभग  3000 स्‍कूल हैं जिसमें औसतन 10-15 लाख छात्र छात्रायें अध्‍ययनरत हैं , इस प्रकार इस सरकारी फर्जीवाड़े में लगभग करोड़ों रूपया बिना किसी मद के और बिना किसी प्रावधान के जबरन वसूला गया । जिसमें कई आला अफसर और कुछ आई ए एस स्‍तर तक के अधिकारी शामिल हैं । यह भी सनद रहे कि इस योजना में इस प्रकार का शुल्‍क समूचे भारतवर्ष में कहीं भी नहीं वसूला जाता, केवल देश भर में मुरैना जिला ही एकमात्र ऐसा जिला है , जहॉं इसकी वसूली की जा रही है, और शिक्षा विभाग इसे कहॉं खर्च कर रहा है, खुद शिक्षा विभाग को नहीं पता ।

जो आवेदन शिक्षा विभाग में सूचना का अधिकार के तहत आया है, उसमें पूछने वाले ने अपने सवालात कुछ इस प्रकार से पूछे हैं कि , भ्रष्‍ट शायद ही बच कर निकल पायें  कई बाबू और अधिकारी इस आवेदन के आने के बाद छुटटी लेकर भाग गये हैं , इस आवेदन में पूछे गये प्रश्‍न इस प्रकार हैं -     

1-                  भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय की ''पर्यावरण क्लब'' योजना जो कि ''नेशनल ग्रीन कोर'' के तहत एप्को भोपाल के मार्फत शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, की शासन द्वारा निर्धारित संचालन प्रक्रिया एवं नियमावली की प्रति चाहिये, एवं इस योजना के तहत कुल कितने पर्यावरण क्लब मुरैना जिला में संचालित हैं सूची चाहिये !

2-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत गठित व घोषित ''जिला स्तरीय समिति'' की समिति गठन दिनांक से आज दिनांक तक कुल कितनी बैठकें व कब कब हुयीं हैं, मय दिनांक मय प्रस्ताव विवरण मय सदस्यगण हस्ताक्षरित विवरण चाहिये, तथा यह भी कि इस समिति की बैठक सम्बन्धी नियम क्या हैं, मय आदेश की प्रति चाहिये !

3-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत मुरैना जिला में संचालित पर्यावरण क्लबों में छात्र-छात्राओं एवं सदस्यों से शुल्क लिये जाने के क्या प्रावधान हैं, शासनादेश के प्रति चाहिये, तथा वर्ष 2001 से आज दिनांक तक कुल कितनी राशि इस शुल्क व प्रभार के रूप में प्राप्त की गयी, वर्षवार व संस्थावार विवरण चाहिये !

4-                 उपरोक्त क्रमांक 3 में वर्णित वसूली गयी शुल्क राशि किस मद में व कब कब किस खाते में आवक हुयी और किस खाते में किस बैंक में किस किस दिनांक को कितनी कितनी जमा की गयी, मय बैंक खाता क्रमांक, मय अकाउण्ट डिटेल्स चाहिये !

5-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 3 में वर्णित वसूली गयी राशि के व्ययन सम्बन्धी क्या शासकीय नियम व आदेश हैं, आदेश व नियमों की मूल प्रति चाहिये, तथा यह कि वर्षवार, एवं मदवार व्यय विवरण चाहिये, यदि व्यय सम्बन्धी भौतिक सत्यापन करना है तो कृपया बतायें कि यह कैसे किया जा सकता है !

6-                 उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 1 में वर्णित योजना के तहत कुल कितनी राशि वर्ष 2001 से आज दिनांक तक शासकीय सहायता या अनुदान के रूप में मुरैना जिला को प्राप्त हुयी व इसका व्ययन कब कब व किस किस प्रकार कहाँ कहाँ किया गया ? वर्षवार, डिटेल्स चाहिये !

7-                 रेडक्रास योजना के तहत विगत दस वर्षों के दौरान कुल कितनी राशि कहाँ कहाँ से कब कब कितनी आपको प्राप्त हुयी सूचीबध्द रूप में सी.डी. चाहिये और यह राशि किन किन मदों में कब कब व कैसे कैसे च्यय की गयी !  

 

 

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