रोजगार गारन्टी योजना में  के संरक्षण में हो रहा है भारी फर्जीवाडा-धाकड़
कमीशन न देने पर नहीं हो पा रहे हैं पूर्णता प्रमाण पत्र जारी
खुलेआम कमीशन की मांग की जाती है एस.डी.ओ. द्वारा
मुरैना 6 जुलाई 09 (दैनिक मध्यराज्य) कैलारस। कैलारस जनपद  क्षेत्र के अन्तर्गत चल रही राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना में गत वित्तीय वर्ष  में लगभग 6 करोड के कार्य प्रगति पर दर्शाये जा रहे हैं। लेकिन एक वित्तीय वर्ष  पूर्ण होने के बावजूद भी एस.डी.ओ. रामसेवक शर्मा द्वारा उक्त निर्माण कार्यों के  पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये हैं। 
इससे साफ जाहिर होता है कि या तो कार्य हुए नहीं  हैं यदि हुए हैं तो उपयंत्रियों द्वारा गलत मूल्यांकन 
किया गया है। यदि कार्य हुए हैं और उपयंत्रियों  द्वारा सही मूल्यांकन किया गया है तो फिर एस.डी.ओ. 
शर्मा द्वारा उनके पूर्णत: प्रमाण पत्र एक वर्ष  पूर्ण होने के बावजूद भी जारी नहीं किये गये हैं। इससे साफ 
जाहिर है कि एस.डी.ओ. शर्मा द्वारा संबंधित कार्य  ऐजेंसियों से खुले आम सुविधा शुल्क के रूप में 10 
प्रतिशत राशि की मांग की जा रही है। उक्त आरोप जनपद  पंचायत कैलारस के अध्यक्ष रामलखन सिंह 
धाकड ने एक पत्रकार वार्ता में रोजगार गारन्टी  योजना के एस.डी.ओ. पर लगायें। 
              धाकड ने बताया कि दिनांक 24.06.09 को कैलारस में श्रीमान्  कलेक्टर महोदय की 
समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित सरपंच, सचिवों एवं सबइंजीनियरों  ने एस.डी.ओ.द्वारा जानबूझकर पूर्णत: 
प्रमाणपत्र जारी नहीं किये जाने के आरोप कलेक्टर  महोदय के समक्ष लगाये उस वक्त श्रीमान् द्वारा     
30.06.09 तक सभी कार्यों के पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश यह चेतावनी के  साथ दिये गये 
थे कि यदि उक्त समयावधि में कार्यों के पूर्णत:  प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाते हैं। तो संबंधित एस.
डी.ओ. की सेवा समाप्ति हेतु नोटिस जारी कर दिया  जावेगा। लेकिन कलेक्टर महोदय के निर्देश को 
भी गम्भीरता से न लेते हुए एस डी.ओ. रामसेवक शर्मा  द्वारा आज दिनांक तक उक्त कार्यों के जो कि 
लगभग 500 की संख्या में हैं के पूर्णत:  प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये हैं, एस.डी.ओ. के एक और 
सहयोगी उपयंत्री नरवरिया द्वारा कार्य ऐजेंसियों के  साथ निर्माण कार्यों में पार्टनर होकर लाखों के वारे 
न्यारे करने का खेल खेल रहे हैं। नरवरिया उपयंत्री  पर एस.डी.ओ. की कृपा से अन्य उपयंत्रियों की 
तुलना में दुगुनी ग्राम पंचायतों का कार्य है। उक्त  सब इंजीनियर नरवरिया द्वारा जो कि संविदा में पदस्थ 
है, पूरे ब्लॉक का ठेका एस.डी.ओ. की  दम पर किसी भी प्रकार के फर्जी काम करने का लिया जाता 
है। उक्त सबइंजीनियर के अगर निर्माण कार्यों को यदि  गहराई से अध्ययन किया जावेगा तो दूध का 
दूध पानी का पानी अपने आप हो जायेगा। उक्त  सबइंजीनियर एंव एस.डी.ओ. की सांठ-गांठ से बगैर 
कार्य हुए निर्माण कार्यों का मूल्यांकन गुणवत्ता  विहीन निर्माण कार्य एवं कई प्रकार की अनियमितताऐं 
सरेआम की जा रही हैं।
              जनपद अध्यक्ष ने बताया कि रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत गत वित्तीय वर्ष  में 
वृक्षारोपण कार्य में लगभग 38 लाख रूपये खर्च कर सवा  लाख वृक्ष लगाये जाने की रिर्पोट दी गई है। 
जबकि मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाये तो समूची  ग्राम पंचायतों में बमुश्किल 1 हजार पौधे जीवित 
मिलेंगे।जबकि इससे पूर्व चलाये गये हरियाली महोत्सव  कार्यक्रम में कैलारस ब्लॉक में वृक्षारोपण कार्यक्रम 
में ग्राम पंचायतों द्वारा लगभग 25 लाख रूपये विभिन्न मदों  से खर्च होना दर्शाया है। इस प्रकार लाखों 
रूपये खर्च होने के उपरान्त भी कैलारस ब्लॉक में  हरियाली नहीं आई लेकिन संबंधित अधिकारियों के 
चेहरों पर जरूर हरियाली आ गई।
              रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत जहाँ मजदूरी का प्रतिशत 60 होना चाहिए तथा 
सामग्री 40 प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन  एस.डी.ओ. द्वारा उक्त निर्देशों की अनदेखी कर 90 प्रतिशत 
कार्य पक्के कराये गये हैं। जिससे 60-40 का अनुपात नहीं मिल  पाता और मजदूरों को मजदूरी भी नही 
मिल पा रही है। यही नहीं एस.डी.ओ. द्वारा  टी.एस.रजिस्टर फरवरी 2009 डेट में खुला रखकर पुरानी 
दिनांकों में टी.एस.की जा रही हैं। वो केवल इसलिए  कि अप्रेल माह में कलेक्टर महोदय द्वारा पत्थर 
खरीदकर कार्य न करने हेतु रोक लगा दी गई थी। इसलिए  फरवरी माह में मी टी.एस.कर उक्त कार्यों 
को प्रगति पर दिखाया जा रहा है। हास्याप्रद बात तो  यह है कि अभी हाल ही में एक ग्राम पंचायत में 
विधायक निधि एवं रोजगार गारन्टी योजना के तहत एक  प्रांक्लन जून माह में ही तैयार किया गया है। 
जिसकी टी.एस.फरवरी माह में दर्शायी गई है। जबकि  विधायक निधि का पैसा मार्च माह के बाद आया 
है इससे साफ जाहिर है कि ैण्क्ण्व्ण् द्वारा बदनीयति से उक्त कार्यों  को अंजाम देकर वरिष्ठ अधिकारियों 
के निर्देशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। 
              रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत कब तकनीकी स्वीकृति होती है। तथा कब उसकी 
प्रशासकीय स्वीकृति ग्राम पंचायत द्वारा जारी की  जाती है। इसका कहीं लेखा जोखा आज दिनांक तक 
जनपद कार्यालय में नहीं है इससे साफ जाहिर है कि  रोजगार गारन्टी योजना का मखौल उडाया जाकर 
इसमें एस.डी.ओ. व कार्य ऐजेंसियों द्वारा मात्र धन  कमाने का जरिया मान लिया गया है। इसके अलावा 
और कुछ नहीं।
              जनपद अध्यक्ष रामलखन धाकड ने बताया कि एस.डी.ओ.शर्मा संविदा रूप में पदस्थ हुए  
हैं। इसलिए उन्हें धन कमाने के लिये यह सुनहरा मौका  मिला है। उक्त एस.डी.ओ.शर्मा द्वारा संबंधित 
कार्य ऐजेंसियों से सरेआम कमीशन मांगने एवं कमीशन न  देने पर उनके निर्माण कार्यों की गुणवत्ता 
हल्की दिखाने तथा उनके पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी न  करने की धमकी दी जाती है, साथ ही यह कहा 
जाता है कि मैं भी बहुत बडी राजनैतिक पहुंच रखता  हूं,  पैसे देकर एस.डी.ओ.बना हूं अगर मैं आप लोगों 
से पैसे नहीं लूंगा तो मेरे परिवार का भरण पोषण  कैसे होगा। रही बात शिकायत की आप मेरी जहां चाहो 
वहां शिकायत करो मैं सभी वरिष्ठ अधिकारियों को पैसा  पहुंचाता हूं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड सकता। 
इस संबंध में कई सरपंच सचिवों द्वारा भी शपथ पत्र  भी दिये गये हैं। अध्यक्ष धाकड ने बताया कि कई 
जगह जिन मजदूरों द्वारा वास्तविक रूप से मजदूरी की  जा रही है। उन्हें भुगतान न दिया जाकर दूसरे 
नामों से पैसा निकाला जा रहा है। इस प्रकार की तमाम  अनियमितताऐं एस.डी.ओ. शर्मा के संरक्षण में 
की जा रही हैं। इस संबंध में जनपद अध्यक्ष ने  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष 
भाजपा नरेन्द्रंसिह तोमर, पंचायत मंत्री गोपाल  भार्गव, प्रभारी मंत्री के.एल.अग्रवाल, प्रमुख सचिव, म.प्र. 
शासन,आयुक्त चम्बल संभाग,कलेक्टर मुरैना,एवं सी.ई.ओ.जिला पंचायत मुरैना  को पत्र लिखकर संबंधित 
एस.डी.ओ.के खिलाफ जांच कर अनियमितता पाए जाने पर  आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की 
है।
 
 
 
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