गुरुवार, 3 जनवरी 2008

कालेजों में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहने वाले क्रीडा अधिकारी दंडित किये जायेंगे

कालेजों में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहने वाले क्रीडा अधिकारी दंडित किये जायेंगे

मुरैना 4 जनवरी 2008 // महाविद्यालयों में पदस्थ क्रीड़ा अधिकारियों को नियमित रूप से महाविद्यालयों के क्रीड़ा स्थलों पर उपलब्ध रहने के कड़े निर्देश दिये गये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाये जाने पर उनकी वेतन वृध्दि रोकी जायेगी और अनुपस्थिति वाले दिन का अवैतनिक अवकाश स्वीकृत किया जायेगा।

यह कार्यवाही इस शिकायत के बाद की गई कि कतिपय महाविद्यालयों के क्रीड़ा अधिकारी तथा कोच महाविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण न देते हुए निजी संस्थानों, क्लबों तथा अन्य विद्यालयों के विद्यार्थियों के प्रशिक्षण में समय व्यतीत करते हैं, जबकि उनके वेतन का भुगतान उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है।

आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों और प्राचार्यों को जारी निर्देशों में कहा गया है कि महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक अनिवार्यत: महाविद्यालयों के क्रीड़ा स्थलों पर उपलब्ध रहेंगे। यदि महाविद्यालय के क्रीड़ा दल को प्रशिक्षण के लिये सुबह अथवा शाम की पारी में खेल मैदान पर उपलब्ध होने की आवश्यकता है तो ऐसी स्थिति में प्राचार्यों से इन कार्यक्रमों को अनुमोदित कराकर आयुक्त उच्च शिक्षा को भेजा जायेगा। वहां से इन कार्यक्रमों को वेबसाइट पर प्रकाशित कर विद्यार्थियों को सूचना दी जायेगी कि क्रीड़ा अधिकारी एवं कोच किस समय पर महाविद्यालय के खेल मैदान में प्रशिक्षण देने के लिये उपलब्ध रहेंगे।

मौसम एवं सुविधा के अनुरूप खेल गतिविधियां पूरे वर्ष संचालित की जायेंगी। इसके लिये आवश्यक होने पर जन-भागीदारी से अनुमोदन प्राप्त कर क्रीड़ा शुल्क लेकर विद्यार्थियों के लिये खेल सुविधा प्रदान की जायेगी। विकल्प के तौर पर खेल में रुचि रखने वाले विद्यार्थी आपसी सहयोग से भी यदि खेल सामग्री का प्रबंध करना चाहें तो उन्हें प्रोत्साहित कर खेल सामग्री की व्यवस्था की जायेगी। टीम का अभ्यास पूरे साल जारी रखा जायेगा। निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी अपरिहार्य कारण से महाविद्यालय के विद्यार्थियों के अतिरिक्त किसी अन्य संस्था, क्लब अथवा विद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के लिये महाविद्यालय के क्रीड़ा अधिकारी अथवा कोच की आवश्यकता हो तो ऐसी स्थिति में प्राचार्य के माध्यम से सम्पूर्ण प्रकरण आयुक्त उच्च शिक्षा को भेजकर उनसे लिखित अनुमति प्राप्त की जाये। किसी भी अन्य खेल प्रतियोगिता में, जिसमें महाविद्यालय की टीम सम्मिलित न हो, भाग लेने की अनुमति क्रीड़ा अधिकारी/कोच को प्रदान नहीं की जायेगी।

 

 

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