सोमवार, 24 सितंबर 2007

खेतों में नमी संरक्षण का कार्य करने की सलाह


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

खेतों में नमी संरक्षण का कार्य करने की सलाह

मुरैना 22 सितम्बर 2007//उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास के अनुसार जिले में इस वर्ष अभी तक 390 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य वर्षा से बहुत कम है। तापक्रम में भी गिरावट नहीं आ रही है । तोरिया की बोबाई का समय आ गया है । तापक्रम को देखते हुए किसानों को यह सुझाव दिया गया है कि अधिक तापक्रम में किसी भी रबी बीज की बुबाई न करें, बल्कि नमी संरक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें । किसानों से कहा गया है कि वे खेत के पास बहने वाली नदी एवं नालों पर बोरी बंधान, मिट्टी बंधान बनाकर जल संरक्षण का कार्य करें और उसी पानी से पलेवा का कार्य कर अपनी फसल की बोनी करें।

       तापक्रम कम होने पर पूर्व से जो नमी संचित की गई है, उस में बोबाई कर गहरी जड़ वाली फसल जैसे चना आदि की बुबाई कर सकते हैं । जिले में किसानों के पास पर्याप्त बीज अभी उपलब्ध है । किन्तु यदि उनके द्वारा अधिक तापक्रम में बीज की बुवाई की गई तो निश्चित ही बीज का जमाव बहुत ही कम होने से दुबारा बोबाई की नोबत आ सकती है । उस समय के लिए किसान के पास बीज उपलब्ध नहीं होगा । ऐसी स्थिति में किसानों को पुराने बीज की, जिसकी उत्पादन क्षमता कम होगी बुबाई के लिए बाध्य होना पडेगा । इसलिए किसानों से अपील की गई है कि वे बुबाई में शीघ्रता नहीं करें नमी संरक्षण के लिए सुबह के समय 8.00 बजे तक ही खेतों  की जुताई करें । खेतों की जुताई करते समय ट्रेक्टर के पीछे पाटा भी बधा होना चाहिए जिससे जुताई कार्य के साथ नमी संरक्षण का कार्य भी हो सकेगा । यदि किसान ने दोपहर के समय जुताई की जो निश्चित ही जुताई के समय जमीन खुलने से नमी उड़ जावेगी । किसान धैर्य से काम ले और बोनी के लिए कम तापक्रम होने की प्रतीक्षा करें ।

 

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