बुधवार, 13 मई 2009

समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीद में भारी भ्रष्टाचार का बोलवाला- दैनिक मध्‍यराज्‍य

समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीद में भारी भ्रष्टचार का बोलवाला 

-डण्डोतिया हाऊस बनाम तहसीलदार

-आखिर क्यो कार्यवाही नही होती

(श्यामवीर शर्मा द्वारा)

अंबाह: मुरैना 12 मई 09 (दैनिक मध्‍यराज्‍य)..समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदी में हो रहे गोलमाल से अंचल का किसान वेहद आहत है जो अपनी एक साल की पसीने की कमाई के समर्थन मूल्य के लिये दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। वेचारा किसान 3-4 दिन तक मंडी अपनी ट्राली रखे ने बाद वापिस घर लौट जाता है।  या ओने पोने दामों में गेंहू को व्यापारीओं के हवाले कर दिया जाता है। जबकि व्यापारियों की ट्रालीयां उनके नम्बर न होने पर तत्काल रात्रि के समय तुलवादी जाती है।

  अंम्बाह में समर्थन मूल्य हो रही है गेहू की खरीदी में 90 प्रतिशत व्यापारियों का माल तोला जा रहा है। तो 10-12प्रतिशत  किसानों का गेहू खरीदा जा रहा है जबकि तहसीलदार शाक्य किसानों से कहते है कि  आप का माल तो वहा विक नही पायेगा यह शब्द है तहसीलदार के इस संवादाता ने  रात को 11 बजे  गल्ला मंडी  में निरीक्षण किया तो सब्जी फडो पर व्यापारियों का माल घडल्ले से तोला जा रहा था संस्था सचिव से जानकारी प्राप्त करने पर मालूम हुआ कि हम क्या करे ऐसा ही चल रहा है। 1130 सर्मथन मूल्य पर  सचिव भी यह कहते कि ऊपर हमें  दो तो आप का माल विक जावेगा हमें भी तो सबको ऊपर तक हिस्सा देना पड़ता था। जब इस तरह की बाते इस संवादाता ने सुनी और नजारा देखा तो लगता है कि अधिकारी वर्ग की भूमिका भी संदेह में है  मान. मुख्यमंत्री के आदेश की धािया किस तरह उडाई जारही है अगर वरिष्ट अधिकारी  निरीक्षण करें तो हकीकत सामने आ जायेगी यह हाल  बैकों में  हैं  जहां पर व्यापारियो को तत्काल पेमेन्ट दियाजाता है लेकिन किसानो का एक माह में भुगतान कियाजाता है।

सूञों से मिली जानकरी के अनुसार अंबाह तहसीलदार शाक्य द्वारा नियुक्त बाबू डण्डोतिया गल्ला मंडी में समर्थन मूल्य पर किसानों से गेंहू खरीदी की पर्ची काटने का जिम्मा सौंपा गया  मगर तहसीलदार के संरक्षण में उक्त बाबू सभी नियमों कोताक पर रख कर किसानों के हकों पर डांका डालने का काम कर रहा है ऐसा किसानों के आरोप है।

 

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