रविवार, 13 अप्रैल 2008

पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग का आज पारित हुआ था प्रस्‍ताव

चम्‍बल राज्‍य की मांग का आज पारित हुआ था प्रस्‍ताव

आठ साल पहले राष्‍ट्रीय जनता दल ने उठाई थी मांग, अब चम्‍बल के हर बच्‍चे की ख्‍वाहिश

असलम खान, ब्‍यूरो चीफ ग्‍वालियर   

मुरैना 13 अप्रेल 08, आज से आठ साल पहले सन 2000 में आज के दिन यानि 13 अप्रेल को पहली बार पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग उठी थी । उल्‍लेखनीय है कि उस समय पृथक झारखण्‍ड और छत्‍तीसगढ़ की मांग को लेकर राजनीतिक उथल पुथल मची थी तथा कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही छोटे राज्‍य बनाये जाने के पक्षधर होकर विध्‍धनसभाओं में प्रस्‍ताव पारित करने में लगे थे तथा विकास के लिये छोटे राज्‍यों का होना जरूरी जैसे अहम तर्क दे रहे थे ।

ऐसे समय में स्‍वतंत्रता प्राप्ति से ही हैरान परेशान और दुखी चम्‍बल वासीयों ने चम्‍बल की राजनीतिक व आर्थिक उपेक्षाओं को लेकर राष्‍ट्रीय जनता दल के मध्‍यप्रदेश के महासचिव श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' से सम्‍पर्क किया था, अंचल के लोगों की और चम्‍बल की लगातार उपेक्षा के इस मुद्दे को राजद प्रदेश महासचिव ने गंभीरता से लेकर, 13 अप्रेल 2000 को चम्‍बल के राजद नेताओं और किसानों, विद्यार्थियों तथा नागरिकों के साथ एक विशेष सभा आयोजित की थी, जिसमें सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव पारित किया गया था कि उपेक्षा, पिछड़ेपन और नाकारापन तथा अनसुनवाई जैसी समस्‍याओं से निपटने तथा अपना विकास और विकास की दिशा खुद तय करने के लिये पृथक चम्‍बल राज्‍य बनाया जाना जरूरी है ।

राजद की इस बैठक में नवीन चम्‍बल राज्‍य का एक नक्‍शा भी पारित किया गया जिसमें म.प्र., उ.प्र. और राजस्‍थान के चम्‍बल के आसपास के भू भाग सम्मिलित किये गये ।

प्रस्‍ताव में यह भी कहा गया कि दिल्‍ली और भोपाल में बैठकर हमारी तकदीरें तय करने का अधिकार उन लोगों को नहीं होना चाहिये जो चम्‍बल के बारे में सरासर निक्षर हैं, वे हमारी योजनायें बनाते हैं और हमारे विकास की रूपरेखा तय करते हैं जो हमारे लिये विदेशी हैं । प्रस्‍ताव में राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अपना प्रदेश व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चम्‍बल के किसी बेटे को न बनाये जाने की भी निन्‍दा कर प्रश्‍न उठाया गया था कि अब तक मुख्‍यमंत्री, प्रधानमंत्री या राज्‍यपाल चम्‍बल के किसी बेटे को क्‍यों नहीं बनाया गया ।

13 अप्रेल 2000 को चम्‍बलवासीयों द्वारा राष्‍ट्रीय जनता दल के तत्‍वाधान में पारित इस प्रस्‍ताव में अपना विकास खुद करने और अपनी नीतियां स्‍वयं बनाने तथा प्रचुर खनिज एवं पर्यटन सम्‍पदा की बात कही गयी थी ।

आज आठ साल बाद इस प्रस्‍ताव के जन्‍म दिवस पर चम्‍बल के लाेग न तो इस प्रस्‍ताव को भूले हैं और न प्रस्‍ताव की मूल भावनाओं को । आठ साल तक यह आन्‍दोलन निरन्‍तर चलता रहा जो आज तक जारी है । हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने जरूर चम्‍बल के एक बेटे को अपनी पार्टी का मध्‍यप्रदेश का प्रदेश अध्‍यक्ष बना दिया लेकिन चम्‍बलवासी इससे संतुष्‍ट नहीं हैं ।

आज चम्‍बल में इस पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग पर श्री हनुमान प्रसाद चौबे के नेतृत्‍व में लम्‍बी लड़ाई लड़ी जा रही है । राष्‍ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव द्वारा ग्‍वालियर टाइम्‍स से चर्चा करते हुये कहा कि हम अपनी मांग पर अटल हैं और पृथक चम्‍बल राज्‍य बनवा कर ही दम लेंगे, चाहे संघर्ष कितना भी लम्‍बा क्‍यों न हो ।

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