रविवार, 3 फ़रवरी 2008

मीडिया के आधुनिक साधनों और जीवन्तता का संतुलित समन्वय हो - श्री कुशवाह

मीडिया के आधुनिक साधनों और जीवन्तता का संतुलित समन्वय हो - श्री कुशवाह

जन संपर्क संचालनालय द्वारा आयोजित कार्यशाला में एक सैकड़ा पत्रकारों ने लिया नवाचार पर प्रशिक्षण

मुरैना 2 फरवरी 2008 // मीडिया में संचार, सम्प्रेषण और पत्रकारिता के आयाम पारम्परिक पत्रकारिता से लेकर नागरिक पत्रकारिता तक पहुंच गए हैं । इन्टरनेट, ब्लॉग जैसे साधन और नवीन तकनीक पत्रकारिता का अंग बन चुकी है । ऐसे में साधनों और साध्य का संतुलित समन्वय करते हुए जीवन्तता को बनाये रखने और लोकतंत्र को सफल बनाने का जिम्मा मौजूदा पत्रकारिता पर है ।

       उक्त विचार कार्यशाला के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने मुरैना में जनसंपर्क संचालनालय के तत्वावधान में आयोजित पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला में ''पत्रकारिता के नवीन आयामों'' पर व्याख्यान देते हुए व्यक्त किये । कार्यशाला में श्री कुशवाह के अलावा पत्रकार श्री देव श्रीमाली, जीवाजी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से श्री जयंत तोमर और डा. आशीष द्विवेदी विशेष तौर पर उपस्थित थे । कार्यशाला में जिले के एक सैकड़ा पत्रकारों ने भाग लिया तथा बिचार-विमर्श भी किया ।

       श्री कुशवाह ने कहा कि लोकतंत्र श्रेष्ठतम व्यवस्था है इसके चार स्तम्भों में '' पत्रकारिता '' एक सुनहरे अवसर की तरह है जो लोकतंत्र के मूल्यों को तमाम खतरों के बीच बचाकर रखती है । इस स्तम्भ का मजबूत होना बेहद जरूरी है ।     

       इससे पूर्व कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए श्री देव श्रीमाली ने कहा कि 1947 से 2008 तक पत्रकारिता के उद्देश्य और स्वरूप में कई बदलाव आये हैं । ऐसे में पत्रकारिता क्षेत्र में पैकेज की समस्या अब नहीं रही । जरूरत है स्वयं को नई कार्यप्रणाली के साथ अपग्रेड करने की । श्री जयंत तोमर ने अपने व्याख्यान में कहा कि नवाचारों के दौर में भी पत्रकारिता का निहित, धर्म नैतिकता और मूल्य नहीं बदलने चाहिए। इसका चरम लक्ष्य संवैधानिक मूल्यों समता, न्याय स्वतंत्रता की सुरक्षा करना ही है । डा. आशीष द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता पेनलैस , पैपरलैस और ऑफिसलैस हो रही है । ऐसे में भाषा, तकनीक तथ्य और कोण का विशेष ध्यान रखना होगा ।

       विशेषज्ञों के व्याख्यानों से पूर्व स्थानीय वरिष्ट पत्रकारों ने भी कार्यशाला में अपने अनुभव बांटे और कई प्रश्न भी सामने रखें ।

       वरिष्ठ पत्रकार श्री रामगोबिंद शर्मा ने नये आयामों में विकृतियों के निवारण पर ध्यान देने, श्री देवेश शर्मा ने सूचना क्रांति को कस्बाई स्तर तक लाने, डा.महावीर प्रसाद मोदी ने मूल्य आधारित पत्रकारिता का विकास करने, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर 'आनन्‍द' ने इन्टरनेट जैसे नये माध्यमों की उपयोगिता, पंजीकरण,कानूनी व प्रसार संबंधी पहलुओं के विषय में तथा श्री राजकिशोर श्रीवास्तव ने पत्रकारों को सीखने की ललक बनाये रखने पर बल दिया । स्वागत भाषण तथा विषय प्रवर्तन सहायक संचालक जनसंपर्क श्री ओ.पी. श्रीवास्तव ने किया । कार्यशाला का शुभारंभ गणेश शंकर विद्यार्थी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया तथा समापन पत्रकार स्व. अनिल साधक को भावभीनी स्मरणांजलि के साथ किया गया ।  कार्यक्रम का संचालन श्री देवेन्द्र तोमर ने किया ।

 

कोई टिप्पणी नहीं :