शनिवार, 13 अक्तूबर 2007

मानसिक विकृति का कारण - कदाचरण

मानसिक विकृति का कारण - कदाचरण

जिला न्यायाधीश श्री पी.एस. कुशवाह द्वारा विधिक सेवा सप्ताह का शुभारंभ

मुरैना 12 अक्टूबर 2007 // समाज में मनुष्यों द्वारा व्यवहार में किये गये गलत कार्यों के कारण मानसिक संतुलन बिगड़ता है गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस में काम, क्रोध, मद और लोभ को मानव के व्यवहार में अंतर लाने वाला मूल कारण बताया है । मानव के कदाचरण से ही मानसिक विकृति आती है । उक्त उद्गार जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष उपभोक्ता फोरम मुरैना श्री पी.एस. कुशवाह ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर रेडक्रॉस नेत्र विद्यालय में आयोजित शिविर में व्यक्त किये । उन्होंने नशे की प्रवृति को दूर करने तथा मनोरोगियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता प्रतिपादित की । न्यायिक दण्डाधिकारी श्री अरविंद कुमार गोयल ने मानसिक रोगियों के प्रति संवेदनशील ब्यवहार अपनाने और समाज में सही स्थान दिलाने हेतु प्रयास करने को कहा तथा 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले विधिक सहायता सेवा सप्ताह की जानकारी दी ।

       जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री एस.के.शुक्ला ने बताया कि शिविर, संगोष्ठी तथा परिचर्चा के माध्यम से मनोरोगियों को चिन्हित करते हुए उन्हें शासन द्वारा प्रदत्त सभी सुविधायें प्रदान करने तथा यदि उनका कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है तो उसे लोक अदालत के माध्यम से निपटाये जाने का प्रयास किया जाना है । शिविर के प्रारंभ में श्रीमती आशा सिंह सिकरवार एडवोकेट द्वारा मनोरोगियों को सभी तरह की सुविधायें दिलायें जाने हेतु सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता निरूपित की । श्री रामहित पिप्पल एडवोकेट ने शासन द्वारा दी जा रही विभिन्न कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी दी ।

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