मंगलवार, 14 जुलाई 2009

अंचल में मानसून की एकरूपता का अभाव, कही बर्षा तो कहीं पर अबर्षा से किसान मायूस:: पानी बरसने से मुरैना शहर वासियों के चहरे खिले (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

अंचल में मानसून की एकरूपता का अभाव, कही बर्षा तो कहीं पर अबर्षा से किसान मायूस:: पानी बरसने से मुरैना शहर वासियों के चहरे खिले

मुरैना 13 जुलाई 09 (दैनिक मध्‍यराज्‍य)  समूचे उत्तर  भारत की तरह इस वार अंचल में भी  मानसून में एकरूपता का अभाव देखने को मिल रहा है जिसके चलते कही पर बर्षा हो रही है, तो अंचल के कई हिस्से ऐसे है जहा अभी बर्षा का इंतजार है। अबर्षा के चलते किसानो के माथे पर चिंता की लकीरे देखी  जा सकती है।

अंचल में एक  माह बिलंब से आये मानसून की बर्षा अंबाह पोरसा अंचल में जोरदार बारिष होने से खरीफ की बोनी का काम शुरू होगया है मगर जौरा सवलगढ़ कैलारस मुरेना अंचल के क्षेत्रों में अभी भी किसानों को मानसून की पहली बर्षा का इंतजार है। खरीफ की बोनी में हो रहे बिलंव से किसान चिंतित है। जिले में इस बर्ष  अबर्षा के अभाव को देखते हुए कृ षि बिभाग ने भी किसानों को पर्याप्त बर्षा होने पर ही बोनी करने की सलाह देकर किसानों की चिंता को ओर बढा दिया है ।     कृ षि पर निर्भर चम्बलांचल पिछले कुछ बर्षो से अबर्षा की मार झेल रहा है। अगर इस बर्ष भी मानसून ने दगा दिया तो किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा जावेगा ।

बिजली,पानी के संकट से पहिले से ही जूझ रहे अंल के किसानों के सामने अब अबर्षा का संकट पैदा हो गया है। जिले के अधिकांश भाग में अभी तक बाजरा की बोनी बर्षा के अभाव में नही सकी है किसान बोनी के लिये मंहगे बीज लेकर बैठा है मगर इंद्रदेव अभी तक उन पर मेहरवान नही हुए है।

तंवरघार का किसान खरीफ की फसल की बोनी में ब्यस्त है, तो जौरा कैलारस सवलगढ़ मुरेना क्षेत्र का किसान बादलों की ओर निहार रहा है। एक सप्ताह पूर्व अंचल में मानसून ने दस्तक दी है मगर उस की एकरूपता में इतना अभाव है कि एक दो कि.मी.के दाये में बर्षा हो जाती है और शेष क्षेत्र में काले बादल बूंदाबादी कर बापिस चले जाते है। जिला मुख्यालय पर भी अभी पहली मूसलाधार बर्षा क ा इंतजार है ।

इंद्रदेव को मनाने हेतु टोटका

ग्रामीण अंचल में अभी लोग बर्षा को इंद्रदेव की देन मानते है और बर्षा न होने पर उन्हें मनाने के लिये तरह तरह के टोटका किया जाता है ताकि इंद्रदेव प्रसन्न हो जायें और बर्षा हो जावे ।  मंदिरों पर बिशेष पूजा अर्चना की जाती है तो कई अन्य तरीके के टोटका भी किये जाते है। हालाकि बैज्ञानिक इसे अंधबिस्वास मानते हे और बर्षा को पर्याबरण से जोड़ कर देखते है।

 

 

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