बुधवार, 30 जनवरी 2008

कड़ाके की सर्दी में पूरे पूरे दिन बिजली गायब

कड़ाके की सर्दी में पूरे पूरे दिन बिजली गायब

पानी रे पानी तेरा रंग कैसा .....ग्‍वालियर तरसा दो बूंद जिन्‍दगी की के लिये  

मुरैना /भिण्‍ड/ श्‍योपुर । 30 जनवरी । अंचल में पिछले कई दिनों से जहॉं भारी शीत लहर और सर्दी के चलते पारा गिरकर जहॉं शून्‍य से पीछे खिसक कर चल रहा है । वहीं दिन दिन भर बिजली गुल रहने से आम जन जीवन काफी संकटमय व कष्‍टमय हो गया है । स्थिति इतनी बदतर हो गयी है कि सुबह कटौती वाली बिजली जाने के बाद फिर एक मुश्‍त या यू कहिये कि थोकबन्‍द बिजली कटौती शाम चार पॉंच बजे तक रहती है ।

नजदीकी ग्‍वालियर शहर पर तो इन दिनों एक और विकट संकट टूट पड़ा है, जहॉं बिजली कटौती से ग्‍वालियर वासी पहले से तंग व त्रस्‍त हैं वहीं अब वहॉं कई कालोनी मोहल्‍लों में पीने का पानी आना बन्‍द हो गया है । लोग जहॉं कई किलोमीटर दूर से या अपने मित्रों रिश्‍तेदारों के यहॉं से पानी ढो ढो कर ला रहे हैं वही इन दिनों ग्‍वालियर ग्‍वालियर नहीं बल्कि अठारहवीं सदी के किसी छोटे से कस्‍बे में तब्‍दील हो जाता है । आप वहॉं जाकर ग्‍वायिर वालों को इस समय अंधेरे और पानी के बीच संघर्ष में झूलते देख सकते हैं । बिना टिकिट का यह मजेदार दृश्‍य इन दिनों ग्‍वालियर में आम है । शायद पर्यटन विकास के लिये ग्रामीण भारत की झलकीयां दिखाने के लिये कुछेक मोहल्‍लों को इस परिवेश में तब्‍दील किया गया है ।

ग्‍वालियर टाइम्‍स से ग्‍वालियर वासीयों ने चर्चा करते हुये कहा कि, लगता है हम आदमयुग में आ पहुँचे है और हमें लगता ही नहीं कि हम 21वीं सदी के सायबर युग में है, न तो नगर निगम में हमारी सुनवायी है न प्रशासन में । हम बकाया शहर के लिये प्रदर्शनी जैसी बन गये हैं , हमें बोतलों, पाउचों और डिब्‍बों में पानी भर कर और ढो कर लाना पड़ रहा है, मित्रों और रिश्‍तेदारों से भी कब तक मांगेगे । अनुपम नगर (सिटी सेण्‍टर की एक कालोनी) निवासी एक और नागरिक ने बताया कि वह या तो कालोनी बदल लेगा या ग्‍वालियर से अपना तबादला कहीं और करवा लेगा । उसने कहा कि वह एक याचिका उच्‍च न्‍यायालय में लगेगा कि या पानी बिजली दो वरना तबादला करो । वह कहता है कि बिजली पानी के बगैर जहॉं वह पिडले तीन महीने से नहाया नहीं है वहीं उसके बच्‍चे भी पढ़ लिख नहीं पा रहे हैं, सो उनकी भी जिन्‍दगी बर्बाद हो रही है । केन्‍द्र सरकार के इस कर्मचारी ने एक मार्मिक पत्र एक केन्‍द्रीय मंत्री को अपनी दुखद व्‍यथा वर्णन करते हुये भेजा है ।

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