गुरुवार, 10 मई 2007

समस्याओं के निराकरण के लिए गांव में डेरा डालेंगे अधिकारी

समस्याओं के निराकरण के लिए गांव में डेरा डालेंगे अधिकारी

 

मुरैना 10 मई07- ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारी अब गांव में डेरा डालेंगे । इसके लिए अधिकारियों की टीम बनाकर गांवों में भेजी जायेगी । यह टीम गांव में जाकर ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्यायें जानेगी और यथासंभव उन समस्याओं का मौके पर ही निराकरण सुनिश्चित करायेगी ।

            संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने बताया कि परख कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिमाह समस्यायें चिन्हित होकर तो आ रही हैं, लेकिन उनके निराकरण की गति संतोषप्रद नहीं है । इसलिए आवश्यक है कि परख के माध्यम या अन्य श्रोतों से प्राप्त ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण त्वरित गति से किया जाय । संभागायुक्त ने चम्बल संभाग के सभी कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए डेरा डालो अभियान प्रारंभ किया जाय ।इसके लिए अधिकारियों की टीम बनाई जाय, जो एक दिन में तीन गांवों में जाकर ग्रामीणों के साथ चर्चा करे और उनकी समस्याओं का निराकरण मौके पर ही करने की पहल करे । विभिन्न योजनाओं के तहत जनसहयोग से टीम द्वारा चिन्हित कार्यों को प्रारंभ कराने की पहल की जाय । ग्रामीणों को जलाभिषेक कार्यक्रम के अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला बाल विकास अनुसूचित जाति जनजाति विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जाय और उन्हें इन योजनाओं से लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाय । कलेक्टर और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भी ग्रामीण क्षेत्रों मे जाकर इसका सतत पर्यवेक्षण करेंगे ।

पुराने तालाबों का होगा शतप्रतिशत पुर्नुद्वार

            संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने जलाभिषेक कार्यक्रम के अन्तर्गत पुराने बांध और तालावों के शतप्रतिशत पुर्नुद्वार का लक्ष्य निर्धारित किया है । उन्होंने ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के सभी जिलो के कलेक्टर, मुख्यकार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत, कृषि और नगरीय निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिन कृषकों के पास 10 एकड़ या इससे अधिक जमीन एक ही जगह पर है, उन्हें स्वयं के व्यय पर तालाब निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाय ।

             डा. कोमल सिंह ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में 50 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 25 प्रतिशत पक्के मकानों में जन सहयोग से रूफ वाटर हार्वेस्ंटिग के कार्य कराये जायें । समस्त शासकीय भवनों पर रूफ वाटर हार्वेस्टिग किया जाय । वर्षा बंद हो जाने पर प्रत्येक 2 किलो मीटर पर नदी नालों में तकनीकी रूप से उचित स्थान पर जन सहयोग से बोरी बंधान बनाये जाय । गांव में कम से कम 25प्रतिशत खेतों में जनसहयोग से मेढ़ बंदी के कार्य कराये जाये । पुराने जल संरक्षण संबंधी सरंचनाओं की जनसहयोग से मरम्मत कराई जाय । साथ ही समस्त हैंडपंप, नलकूप, कुयें और बाबड़ी को जनसहयोग से चार्जिंग की व्यवस्था कराई जाय ।

 

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