रविवार, 14 जून 2009

शासकीय योजनाऐं जनोन्मुखी हों एवं जनकल्याण शासन की प्राथमिकता - प्रभारी मंत्री

शासकीय योजनाऐं जनोन्मुखी हों एवं जनकल्याण शासन की प्राथमिकता - प्रभारी मंत्री

- प्रशासन में कसावट , चुस्ती व फुर्ती लायेगें

- विभागों को दिया 15 दिन का अल्टीमेंटम

- आम जनता को लाभ दिलाना मेरा प्रथम उद्देश्य

Narendra Singh Tomar "Anand" & Rajesh Singh Sikarwar

मुरैना 13 जून 09 आज डी.आर.डी.ए सभा कक्ष मुरैना में जिले के प्रभारी मंत्री  एवं म.प्र. शासन के सामान्य प्रशासन मंत्री श्री के.एल. अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि उनके नई सरकार में मंत्री बनने के बाद यह मुरैना जिला का दूसरा दौरा है और प्रथम दौरे के अनुभव एवं इस दौरे में जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों, आम जनता से रू-ब-रू हो कर चर्चा के पश्चात प्राप्त निष्कर्षो के आधार पर मैंने सभी विभागों को प्रशासन को चुस्त-फुर्तीला व सक्रिय कर कसावट लाने हेतु निर्देश दिये है तथा सभी को 15 दिवस का अल्टीमेंटम देकर सभी व्यवस्थाऐं दुरूस्त करने के आदेश दिये है।  आदेश का व निर्देर्शो का सम्यक पालन न करने वालें अधिकारियों को कतई बख्शा नही जायेंगा।

प्राभारी मंत्री ने पत्रकारों को बताया। मुख्यमंत्री जी ने हा ही में भोपाल में बैठक लेकर सभी विभागाध्यक्षों एवं प्रमुख सचिवों को निर्देश देकर म.प्र. को स्वर्णिम प्रदेश बनाने के लिये हर संभव उपाय करने  एवं कोई कोर कसर न छोडने के निर्देश दिये है। उसी के तहत हमारा प्रशासन को जनोन्मुखी बनाने जनकल्याणकारी एवं संवेदनशील कर आम जनता तक हर शासकीय योजना को वांछित हितग्राही तक पहुचाने का लक्ष्य है।

प्रभारी मंत्री ने बताया कि उन्होने आज सुबह जिला चिकित्सालय का दौराकर वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये, जननी सुरक्षा योजना के संबंध में मंत्री ने बताया कि उन्होंने वहां भर्ती कई जननी हितग्राहीयों से व्यक्तिगत चर्चा की।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिला योजना समिति की आज की बैंठक में लोकनिर्माण विभाग, कृषिविभाग, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्वास्थ्य विभाग, सिंचाई विभाग पर काफी विस्तार से चर्चा की तथा अधिकारियों को 15 दिवस के भीतर सभी व्यवस्थायें सुधारने व चुस्त दुरूस्त करने के निर्देश दिये है। हमारा स्पष्ट आशय व मंशा हैं कि आम जन को शासन की योजनाओं  का लाभ मिलें इसी उद्देश्य से मैं लगातार दौरे एवं बैठके कर रहा हँ और जिन विभागों या कार्यालयों में संसाधान है किन्तु समुचित स्टा नहीं है या जहां स्टा है लेकिन संसाधन नही है वहा 15 दिवस में सम्यक सुप्रबंध व व्यवस्थायें कर दी जाये।

पत्रकारों द्वारा कुछ तबादलों के बारे में उठाये गये प्रश्नों का उत्तर देते हुये प्रभारीमं­त्री ने कहा कि अभी राज्य की तबादला नीति ही घोषित नहीं हुई है तब तबादलों के बारे में कोई भी बातचीत काल्पनिक ही होगी। और  जब भी शासन की तबादला नीति घोषित की जायेंगी तभी तबादलें किये जायेंगे फिलहाल नीति के अभाव में इस पर किसी भी प्रकार की चर्चा काल्पनिक ही होगी।

अंचल में की जा रही भारी बिजली कटौती के प्रश्न पर प्रभारी मंत्री द्वारा जबाब देते हुये कहा गया कि जहां बिजली बनती है वहां सारणी बिजली घर में स्थानीय स्तर पर जलस्तर नीचे चले जाने के कारण विद्युत उत्पादन में गिरावट आ गई हैं जिससे  वर्तमान बिजली समस्या से जनता को परेशानी हो रही है।

 

और वे निरूत्‍तर हो गये ......

पत्रकारों ने प्रति प्रश्न करते हुयें कहा कि पिछली साल मुख्यमंत्री ने पोरसा में लोगो से वायदा किया था कि अब की बार अगर बारिश अच्छी हुई तो हम 24 घंटे बिजली देंगे इस के बाद अच्छी बारिश होने के बाद जौरा में मुख्यमंत्री ने बात बदलते हुये कहा कि अगर हम दोबारा  मध्यप्रदेश में सरकार बनायेगे तो 24 घंटे बिजली देगें इसके बाद दोबारा सरकार बनने के बाद कहा केन्द्र कोयला काट रहा है इसलिये बिजली नही दे पा रहे है और मुख्यमंत्री ने कोयला के लिये न्याय यात्रा भी निकाली थी लेकिन अब कहा जा रहा है कि सारणी में पानी का ग्राउण्ड लेवल गिरजाने के कारण बिजली नही दे पा रहे आखिर सच क्या है। इस पर प्रभारी मंत्री ने निरूत्तर होकर पत्रकार वार्ता समाप्ति की घोषणा कर दी। और केवल यह कहा कि विधान सभा चुनाव के वक्त हमने किसानों की रबी फसल के लिये मंहगी बिजली खरीदी थी यह चुनाव जीतने के लिये महिना भर पहिले अच्छी बिजली मिल जाने  की वजह नही थी।

कुछ पत्रकारों द्वारा निर्माण कार्यो के भ्रष्टाचार एवं घटिया निर्माण को लेकर उठायें गये सवालों तथा रोजगार गारंटी योजना नरेगा में फर्जी मजदूरों तथा मजदूरों की मजदूरी भुगतान न किये जाने के सवालों पर प्रभारी मंत्री ने उल्टा पत्रकारों से प्रतिप्रश्न करते हुये पूछा कि मैं तो दौरा करके देख आया हूँ और न तो जनप्रतिनिधियों ने तथा न ही आम जनता या मजदूरों ने इस प्रकार की बात मेरे सामने उठाई है, लेकिन यदि आप के पास उस जगह या ठिकानें का नाम पता हो या उन व्यक्तियों के नाम पते हो तो आप एक भी गांव या पांच दस गांव जो भी हो मुझे बतादे मैं आपके साथ चलता हँ  साथ ही एसडीएम को भी ले चलूगा और चलकर देख लेते है कि सच कया हैं इस पर पत्रकार चुप हो गये।

इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री एम.के अग्रवाल, जिला पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ,भाजपा जिलाअध्यक्ष श्री नागेन्द्र तिवारी   जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रघुराजसिंह कंषाना,  जिला पंचायत सीईओ श्री अभय वर्मा,जिला जनसंम्पर्क अधिकारी श्री ओपी श्रीवास्तव सहित कई विभागों के जिला प्रमुख उपस्थित थे।

 

जननी सुरक्षा योजना के सहयोगी प्राइवेट नर्सिंग होमो की मान्यता बहाल कीजाएगी: प्रभारी मंत्री

मुरैना- जननी सुरक्षा योजना के सहयोगी जिले के प्राईवेट नर्सिग होमो की मान्यता पुन: बहाल किये जाने पर विचार कि ये जाने का आश्वासन जिले के प्रभारी मंत्री के.एल. अग्रवाल ने पत्रकाराें सवालों के दौरान उत्तर देते हुये दिया। वे आज कलेक्टे्रट के कान्फ्रेन्स हांल में पत्रकारों से रूबरू हुये और जिले के विकास को लेकर उठाये जा रहे पत्रकारों के सवालों के जबाब दे रहे थे। उन्होने उक्त जबाब दैनिक मध्यराज्य संवाददाता द्वारा जननी सुरक्षा योजना में सहयोगी रहे जिले के पांच प्राइवेट नर्सिग होमों की मान्यता रद्द किये जाने के सवाल के उत्तर में दिया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जननी सुरक्षा योजना राज्यसरकार की महत्वाकांक्षी योजना है इस के विस्तार में रूकावट नहीं आने दी जायेगी।

यहा उल्लेख करना आवश्यक है कि जननी सुरक्षा योजना में अधिकाधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिये जिले के पार्वती नर्सिग होम, प्रेमी नर्सिगहोम, विद्यावती नर्सिग होम, आर एल नर्सिग होम एवं इन्दु अग्रवाल नर्सिग होम को भी अधिंकृत किया गया था जिससे इस योजना का लाभ प्राईवेट नर्सिग होम में प्रसव कराने वाली महिलाओं को भी मिल जाता था। लेकिन हाल ही में शहर के इन पांचों नर्सिगहोमों से जननी सुरक्षायोजना में सहयोगी होने की मान्यता राज्य शासन ने वापिस ले ली है। इसी सवाल को जब संवाददाता ने उठाया तो उस पर प्रभारी मंत्री ने उक्त पांचों नर्सिगहोम की मान्यता को पुन:बहाल कराये जाने का आश्वासन दिया।

 

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