मंगलवार, 1 अप्रैल 2008

अपूर्ण शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए उपयंत्री और एडीईओ संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे

अपूर्ण शौचालयों को पूर्ण कराने के लिए उपयंत्री और एडीईओ संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे

जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक सम्पन्न

मुरैना 29 मार्च 08/ कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज यहां सम्पन्न जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में समग्र स्वच्छता अभियान की समीक्षा की और स्कूलों तथा आंगनवाड़ियों में शौचालय निर्माण की धीमी प्रगति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्ष के अपूर्ण शौचालयों का निर्माण 15 मई तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराया जाय। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री और ग्रामीण विकास विभाग के एडीईओ को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौपी जाय तथा निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने पर सम्बन्धित के विरूध्द कार्रवाई की जाय। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा, जिला पंचायत के सदस्य श्री अशोक सिंह तथा समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।

              समीक्षा के दौरान बताया गया कि वर्ष 2004-05 में 277 स्कूलों में शौचालयों के निर्माण के लिए पालक शिक्षक संघ को राशि प्रदाय की गई थी। इसमें से 28 अभी भी अपूर्ण है। कलेक्टर ने अपूर्ण कार्यो की सूची जिला परियोजना समन्वयक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसी प्रकार स्वसहायता समूहों को शौचालय निर्माण के लिए सौंपी गई राशि के शेष 371 कार्यो को भी सम्बन्धित उपयंत्री और एडीईओ की जबाव देही तय कर 15 मई तक पूर्ण  कराया जाय। वर्ष 2007-08 में ग्राम पंचायतों को 371 स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण के लिए 29 लाख 54 हजार रूपये की राशि जारी की गई। ले आउट के अभाव में अभी तक इन कार्यों को प्रारंभ नहीं कराया जासका है। कलेक्टर ने अप्रैल अंत तक सभी कार्यों के ले- आउट देने  के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगली किस्त मिलने पर जिले के शेष 677 प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय निर्माण की कार्रवाई प्राथमिकता से कराई जाय।

              कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने ए.पी.एल. परिवारों के यहां निर्मित शौचालयों का सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चयनित निर्मल ग्राम में स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए किसी अधिकारी को जिम्मेदार बनाया जाय। वाटसन पार्क निर्माण पर चर्चा के दौरान जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था (डाइट) परिसर में स्थल का अवलोकन कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया ।

 

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