शनिवार, 9 जनवरी 2021

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खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये शहद उत्पादन को बढ़ावा दें - कलेक्टर , शहद उत्पादन एवं शहद प्रसंस्करण के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

Posted: 08 Jan 2021 05:43 PM PST

कलेक्टर अनुराग वर्मा , कार्यशाला में अपने मंतव्य रखते हुये

 खेती को लाभ धंधा बनाने के लिये कृषक शहद उत्पादन को बढ़ावा दें, यह कृषि को लाभ का धंधा बनाने में सहायक होगा। इसके लिये भारत सरकार ने शहद उत्पादन में 5 जिले चयनित किये है, जिसमें मध्यप्रदेश का मात्र मुरैना जिला शहद उत्पादन के लिये चयनित किया गया है। हम सभी को यह प्रयास करने होंगे कि मुरैना का शहद अच्छी मात्रा में पैकिंग होकर देश के कोने-कोने में जायें, जिससे मुरैना का नाम भी रोशन होगा और किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके लिये अधिक से अधिक किसान मधुमक्खी पालन की ओर प्रेरित हों। यह बात कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कृषि विज्ञान केन्द्र मुरैना में एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुये कही। इस अवसर पर जिला उद्योग केन्द्र के प्रबंधक श्री अनूप चौबे, क्षेत्रीय संचालक एमपी कोन शहद इकाई के श्री आशीष भार्गव, कृषि वैज्ञानिक डॉ. बाईपी सिंह, डॉ. अशोक यादव, जौरा खादी ग्रामोद्योग के सचिव श्री रनसिंह, क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र के प्रभारी श्री एमपी सिंह, मुरैना जिला खादी एवं ग्रामोद्योग संघ के श्री गजेन्द्र सिह गुर्जर, उद्यानिकी, कृषि विभाग के अधिकारी, मध्यप्रदेश राज्य डे ग्रामीण आजीविका मिशन के डीपीएम श्री दिनेश तोमर, बानमौर-मुरैना के उद्योग संचालक, कृषक तथा स्व-सहायता समूह की महिलायें उपस्थित थीं।   

वी सी का आयोजन हुआ मुरैना में 
    कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा है कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये एक जिला एक उत्पाद के लिये प्रयास किये जा रहे है, इसके लिये मुरैना जिले को शहद उत्पादन के लिये चयनित किया गया है। इसमें उद्योग संचालक इसमें रूचि लेकर उत्पादन होने वाले शहद को प्रोसेसिंग, पैकेजिंग करके एक अच्छा ब्रांड तैयार करें, जो देश के कोने-कोने में शहद पहुंचकर मुरैना का नाम रोशन कर सके। कलेक्टर ने कहा कि रौ मटेरियल भी आसानी से प्राप्त हो जायेगा, जिसके लिये कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषकों एवं व्यापारियों को प्रशिक्षण बतौर बता दिया जायेगा। हमारे जिले में 6 लाख बॉक्स लगाने की क्षमता है, जबकि अभी मात्र 1 लाख बॉक्स ही जिले में लगे हुये है। शहद लोंगो के लिये बहुत लाभदायक है, पहले शहद का उपयोग नहीं किया जाता था, किन्तु आज हर व्यक्ति स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये शहद के लिये रूख करने लगा है। उन्होंने कहा कि मुरैना में विशेषकर गजक का उत्पादन किया जा रहा है, इसके अलावा सबसे अधिक मात्रा में पीला सोना (सरसों) की पैदावार होती है, जिससे तेल की मात्रा अधिक तादायत में प्राप्त होती है। इसके साथ ही मुरैना के स्ट्रॉन कटिंग की मांग देश के अलावा विदेशों में बहुत तादायत में की जा रही है। अब भारत सरकार ने शहद उत्पादन के लिये भी मुरैना को चयनित किया है। इन सभी से लोंग जुड़े और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के साथ-साथ शहद उत्पादन में मुरैना का नाम रोशन करें।
    खादी ग्रामोद्योग के सचिव श्री रनसिंह ने कहा कि मुरैना के लोंगो के लिये यह बहुत बड़ी खुश खबरी है कि केन्द्रीय कृषि मंत्री भी मुरैना से ब्लॉंग करते हुये, कृषि के क्षेत्र में जितना सहयोग बन पड़ेगा, वे करने के लिये तैयार है, रही बात शहद उत्पादन में जब शासन-प्रशासन तकनीकी ज्ञान एवं मशीनरी उपलब्ध करा रहा है तो मधुमक्खी पालन को मुरैना जिले में विस्तार रूप देना अतिआवश्यक है। 100 गांव के कृषक यह धारणा बनायें कि हमें शहद को बढ़ावा देना है तो इससे एक हजार लोगों को अवश्य रोजगार मिल सकेगा।  
मुरैना में आयोजित हुई बैठक एवं कार्यशाला 
    कृषि वैज्ञानिक डॉ. बाईपी सिंह ने कहा कि शहद के लिये मुरैना की एक पहचान बनें, इसमें कृषि आंचलिक अनुसंधान केन्द्र का कृषकों को हर पग पर सहयोग मिलेगा, जिसमें मशीनरी से लेकर कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन भी दिये जायेंगे। इसमें निवेशकों की बहुत बड़ी भूमिका रहेगी। इसके लिये व्यापारियों को सकारात्मक रूप में कार्य करने होंगे। कैट के जिलाध्यक्ष श्री रवीन्द्र माहेश्वरी ने कहा कि मुरैना जिला सरसों के तेल के लिये अग्र्रणी माना जाता है, सरसों के फूल से मधुमक्खी द्वारा शहद संग्रहित होता है, इसके अलावा जिले में सूरजमुखी को भी बढ़ावा दिया जाये तो जिले में तेल व शहद उत्पादन बड़ी मात्रा में पैदा किया जा सकता है। 

    कार्यक्रम में डॉ. अशोक यादव ने मधुमक्खी पालन की उपयोगिता, मधुमक्खी की प्रजातियां, मधुमक्खी आवास परिवार व संगठन जीवन चक्र, विभिन्न स्वरूपों की विकास अवधि, मधुमक्खी पालन की अनिवार्यतायें, मधुमक्खी पालन के लिये आवश्यक उपकरण व औजार, मौसम एवं मधुमक्खी प्रबंधन, मधुमक्खियों का परभक्षी एवं परिजीवियों से बचाव, मधुमक्खियों के रोग व उपचार, मधुमक्खी पालन के प्राप्त उत्पाद और मधुमक्खी एवं फसल प्रागण के बिन्दुओं पर प्राथमिकता से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन जिला उद्योग केन्द्र के प्रबंधक श्री अनूप चौबे ने किया।















जौरा एवं सबलगढ़ में अन्न उत्सव का आयोजन आज

Posted: 08 Jan 2021 05:35 PM PST

 जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी ने बताया कि अनुविभाग जौरा एवं सबलगढ़ में 9 जनवरी 2021 को अन्न उत्सव का आयोजन किया जायेगा।

मुरैना एवं अम्बाह में शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर अन्न उत्सव का आयोजन किया गया

Posted: 08 Jan 2021 05:34 PM PST

 मुरैना जिले के अनुविभाग मुरैना व अम्बाह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत गुरूवार को शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर अन्न उत्सव का आयोजन किया गया। प्रातः 9 बजे दुकानों पर नियुक्त नोडल अधिकारी एवं दुकान के विक्रेता के संयुक्त बायोमैट्रिक सत्यापन उपरांत पीओएस मशीन से उपभोक्ताओं को स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में खाद्यान्न वितरण प्रारंभ किया गया। जो सायं 4 बजे तक निरंतर जारी रहा। इस दौरान 232 दुकानों से 10 हजार 792 परिवारों को 2310.96 क्विंटल गेहूं, 563.82 क्विंटल चावल, 5.39 क्विंटल शक्कर, 107.92 क्विंटल नमक एवं 13 हजार 661 लीटर केरोसिन का वितरण किया गया। यह जानकारी जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी ने दी है। 

मुरैना जिले के अनुविभाग मुरैना व अम्बाह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत गुरूवार को शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर अन्न उत्सव का आयोजन किया गया। प्रातः 9 बजे दुकानों पर नियुक्त नोडल अधिकारी एवं दुकान के विक्रेता के संयुक्त बायोमैट्रिक सत्यापन उपरांत पीओएस मशीन से उपभोक्ताओं को स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में खाद्यान्न वितरण प्रारंभ किया गया। जो सायं 4 बजे तक निरंतर जारी रहा। इस दौरान 232 दुकानों से 10 हजार 792 परिवारों को 2310.96 क्विंटल गेहूं, 563.82 क्विंटल चावल, 5.39 क्विंटल शक्कर, 107.92 क्विंटल नमक एवं 13 हजार 661 लीटर केरोसिन का वितरण किया गया। यह जानकारी जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी ने दी है। 

संभाग नजूल निवर्तन समिति ने भिंड जिले के मालनपुर में स्थित सैनिक स्कूल हेतु भूमि का प्रस्ताव विधिक कार्यवाही के लिये किया अनुमोदित

Posted: 08 Jan 2021 05:31 PM PST

मुरैना 9 जनवरी 2021 ग्वालियर टाइम्स  ( भिंड जिला समाचार- भिंड जनसंपर्क कार्यालय अनभिज्ञ है इस रिलीज से ) 

सैनिक स्कूल बोर्ड ऑफ गवनर्स के सदस्यों द्वारा भिण्ड जिले के मालनपुर मैसर्स हाट लाइन के समीप स्थित चिन्हित भूमि को संभाग स्तरीय नजूल निवर्तन समिति ने सैनिक स्कूल की स्थापना के लिये भूमि बंटन प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर प्रस्ताव को विधिक कार्यवाही के लिये अनुमोदन कर दिया है।

    संभाग स्तरीय नजूल निवर्तन समिति की बैठक चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित हुई थी। बैठक में समिति के सदस्य अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान, संयुक्त आयुक्त (विकास) श्री राजेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर श्री उमेशप्रकाश शुक्ला, नगर तथा ग्राम निवेश अधिकारी श्री बीएल शर्मा, जिला पंजीयक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बोर्ड ऑफ गवर्नस स्कूल सोसायटी रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के लिये सैनिक स्कूल स्थाना के लिये भूमि मालनपुर मैसर्स हॉटलाईन के समीप स्थित है। चिन्हित भूमि का रकवा 51.43 एकड़ है। यह भूमि औद्यौगिक क्षेत्र के अन्तर्गत आती है। 

11 जनवरी को 11 बजे से 7 बिजली फीडर बंद रहेंगें , लोग गायें .... गाना .... अभी 11 नहीं बजे हैं .... करे इंतजार 11 का , 11 दिन में 11 बार बंद रहा सिद्ध नगर फीडर

Posted: 08 Jan 2021 05:25 PM PST

 मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लि. मुरैना के उपमहाप्रबंधक ने बताया कि 33 केव्ही एवं 11 केव्ही लाईनों पर कार्य एवं मेन्टेनेंस कार्य होने के कारण 11 जनवरी को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे 33 केव्ही मंडी, 11 केव्ही सिद्धनगर, 11 केव्ही माधौपुरा, 11 केव्ही मयूर टॉकीज, 11 केव्ही नैनागढ़, 11 केव्ही न्यू अम्बाह और 11 केव्ही गोठियापुरा से संबंधित उपभोक्ताओं की विद्युत सप्लाई बंद रहेगी

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बर्डफ्लू की स्थिति की समीक्षा

Posted: 08 Jan 2021 05:21 PM PST

 मत्स्य, डेयरी एवं पशुपालन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर में बर्डफ्लू की स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही श्री जी.वी.वी. सरमा, सदस्य सचिव, एनडीएमए की अध्यक्षता में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बर्डफ्लू की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव पशुपालन द्वारा प्रदेश में बर्डफ्लू रोग की रोकथाम नियंत्रण के लिये की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया गया। 

    प्रदेश में अब तक जिला इंदौर, मंदसौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगौन एवं गुना में कौओं में बर्डफ्लू रोग उदभेद की पुष्टि हो चुकी है। 7 जनवरी तक 21 जिलों से कुल 88 5 कौवों एवं 9 बगुलों में मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। समस्त जिलों में रोग नियंत्रण की कार्यवाही भारत सरकार की एडवाइजरी अनुसार की जा रही है। रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये समस्त जिलों में आवश्यक सतर्कता एवं सावधानी रखे जाने के लिये निर्देशित किया गया है। कुक्कुट पालकों में अनावश्यक भ्रम या भय की स्थिति उत्पन्न न होने देने तथा अफवाहों से सावधान रहने तथा कुक्कुट उत्पादों के उपयोग के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है।

मनरेगा के अन्तर्गत चंबल संभाग में 11 हजार से अधिक निर्माण कार्य पूर्ण, मुरैना जिला में 6892 कार्य पूर्ण

Posted: 08 Jan 2021 05:18 PM PST

 चंबल संभाग में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत युद्ध स्तर पर निर्माण विकास कार्य जारी है। संभाग में 11 हजार 66 कार्य पूर्ण किये गये है, इनमें से 9 हजार 509 निर्माण कार्य विगत वर्षों के पूर्ण हुये है और 1 हजार 557 निर्माण कार्य चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत हुये कार्यों में से पूर्ण हुये है। चंबल संभाग में पूर्व वर्षों सहित इस वर्ष के मिलाकर कुल 33 हजार 342 निर्माण कार्य चल रहे है। इनमें से 11 हजार 66 निर्माण कार्य पूर्ण किये गये है। 11 हजार 232 विगत वर्षो के और 11 हजार 343 कुल 22 हजार 575 निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर पूर्णत: की ओर अग्रसर है।

    चंबल संभाग के संयुक्त आयुक्त (विकास) श्री राजेन्द्र सिंह ने बताया कि सर्वाधिक 4 हजार 887 निर्माण कार्य श्योपुर जिले में पूर्ण किये गये है। इनमें 4 हजार 565 निर्माण कार्य विगत वर्षो के और 322 निर्माण कार्य चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत निर्माण कार्यो में से पूर्ण हुये है। मुरैना जिले में 3 हजार 173 निर्माण कार्य पूर्ण किये गये है। इनमें विगत वर्षो के 2 हजार 579 और इस वित्तीय वर्ष के 594 निर्माण कार्य है। भिण्ड जिले में 3 हजार 6 निर्माण कार्य पूर्ण किये गये है, इनमें 2 हजार 365 निर्माण कार्य विगत वर्षो के और 641 निर्माण कार्य चालू वित्तीय वर्ष के पूर्ण हुये है।
    मनरेगा के तहत मुरैना जिले में 6 हजार 892, भिण्ड जिले में 9 हजार 751 और श्योपुर जिले में 5 हजार 932 निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे है।

मुरैना जिले में 30 हजार 627 मैट्रिक टन यूरिया और 19 हजार 504 मैट्रिक टन डी.ए.पी. उपलब्ध

Posted: 08 Jan 2021 05:15 PM PST

 चालू रबी सीजन के दौरान जिले में 30 हजार 626 मैट्रिक टन यूरिया और 19 हजार 504 मैट्रिक टन डी.ए.पी. उपलब्ध है।  

    किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक ने एक जानकारी में बताया कि यूरिया जिले में मार्कफेड पर 9 हजार 902 मैट्रिक टन सोसायटियों पर 5 हजार 677 मैट्रिक टन, एमपी एग्रो पर 1 हजार 372 और निजी क्षेत्रों में 13 हजार 676 मैट्रिक टन उपलब्ध है।   
    मार्कफेड पर डी.ए.पी. 2 हजार 230 मैट्रिक टन सोसायटियों में 5 हजार 127 मैट्रिक टन, एमपी एग्रो में 467 और निजी क्षेत्र में 11 हजार 680 मैट्रिक टन डी.ए.पी उपलब्ध है। 

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