Gwalior Times Live Morena Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव मुरैना विस्तृत समाचार | ![]() |
- अभ्युदय आश्रम में निर्माण और विकास या कल्याण संबंधी समाचार से ग्वालियर टाइम्स इत्तफाक नहीं रखती, यह एक अवैध भवन में संचालित अवैध आश्रम है
- अभ्युदय आश्रम का किया निरीक्षण, बच्चे कम तो फंड भी होगा कम, बच्चों के पैसों पर ऐश न फरमायें अरूणा छारी , हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों के लियेः कैम्पस अधीक्षिका की फैमिली के लिये नहीं- कलेक्टर
- स्वधार योजना अन्तर्गत स्वधार ग्रह का कलेक्टर ने किया निरीक्षण, सेनेट्री पेड डिस्पोजल मशीन लगायें उपासना राय
- कलेक्टर ने बाल ग्रह आश्रय का किया निरीक्षण, केवल दो बच्चे मिले , दूसरे सेंटर में मर्ज किये जाने के निर्देश
- कलेक्टर ने बाल संप्रेक्षण ग्रह पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया
- कलेक्टर ने पंडित दीनदयाल रसोई का किया निरीक्षण, बताया गया कि 5 रू में भरपेट भोजन रोजाना 150 लोग करते हैं
- कलेक्टर ने नगर निगम एवं महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण
- नगर निगम द्वारा चलाया विशेष सफाई अभियान
- मुरैना में पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों की विशेष निगरानी
- नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायत व नगर परिषदों के चुनाव टले, मार्च के आखिर में या अप्रेल में होंगें , फोटोयुक्त मतदाता-सूची का प्रकाशन 3 मार्च को
- फसलों को पाले से बचाने हेतु उपाय अपनाने की सलाह
- समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम आज 11:30 बजे से
- नेशनल बेविनार इनोवेटिव ट्रेन्ड्स इन केमिकल एण्ड इंवायरमेन्टल सांइसेस कार्यक्रम संपन्न
Posted: 06 Jan 2021 02:44 PM PST अवैध रूप से अवैध भवन में संचालित है , अभ्युदय आश्रम , यह भवन भारत सरकार की मिल्कियत , कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में संचालित है यहां भारत सरकार का कामकाजी महिला छात्रावास , 52 महिलाओं के रहने , टी वी , फैक्स मशीनें और तमाम साजो सामान से सुसज्जित है यह भवन , भारत सरकार से मुरैना नगरपालिका द्वारा सन 1983-84 के वित्तीय सत्र में इस कामकाजी महिला छात्रावास को बनवाने के लिये अनुदान लिया था , इसकी निरीक्षण रिपोर्ट , कंपलीशन रिपोर्ट और इसमें उपलब्ध सारी सुविधाओं , मशीनरी , साजो सामान , फर्नीचर आदि सहित इसमें रह रही 52 महिलाओं की निरीक्षण रिपोर्ट के दस्तावेज ग्वालियर टाइम्स के पास उपलब्ध हैं , इसमें रह रहीं रातों रात 52 महिलायें अचानक गायब हो गयीं ( या उनकी ह्यूमन ट्रेफिकिंग की गयी , खैर जो भी हुआ हो ) भारत सरकार के दस्तावेजों में इस भवन के लिये जगह लेने तथा भवन निर्माण के लिये स्थाई अनुदान राशि के साथ इसके संचालन के लिये हर साल अलग से अनुदान आता है, जो कि भारत सरकार के दस्तावेजों में अभी तक चालू है , भारत सरकार के इस भवन का इस्तेमाल किसी भी अन्य दूसरी योजना के लिये या अन्य किसी काम के लिये नहीं किया जा सकता , कलेक्टरों द्वारा इसमें किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति या आदेश किसी को भी नहीं दिया जा सकता । यह उनके अधिकार एवं कार्यक्षेत्र के बाहर की आज्ञायें व अनुज्ञप्तियां हैं । बहरहाल वस्तुस्थति जाने बगैर और गुमराह होकर इस भवन के किसी अन्य योजना के लिये निरीक्षण किये जाने और किसी भी प्रकार का कोई भी आदेश या निर्देश दिये जाने संबंधी उपरोक्त समाचार से ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक नहीं रखती और न किसी भी प्रकार की सहमति रखती है , एक ही भवन जिसका स्वामी केन्द्र की भारत सरकार है , उसमें मूल योजना गायब कर राज्य सरकार की अन्य योजना , जाबालि परियोजना के तहत संचालित अभ्युदय आश्रम को अलग से भूमि खरीदने , भवन निर्माण करने का अलग से 100 प्रतिशत फंड काफी पहले सन 1991-92 में ही मिल चुका है , इसके बावजूद किसी अन्य योजना के भवन को खुद का बताकर भारत शासन और मध्यप्रदेश शासन के साथ डबल क्रॉस किया गया है , जिससे ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक व सहमति और सहयोग नहीं रखती है । |
Posted: 06 Jan 2021 02:40 PM PST
कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा प्रातः शहर के मध्य में संचालित अभ्युदय आश्रम का निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान मात्र 80 छात्र छात्रायें मौजूद थे जिसमें कलेक्टर ने अभ्युदय आश्रम में बालिकाओं के रहने खाने एवं साफ सफाई के संबंध में अवलोकन किया।
( अवैध रूप से अवैध भवन में संचालित है , अभ्युदय आश्रम , यह भवन भारत सरकार की मिल्कियत , कामकाजी महिला छात्रावास के रूप में संचालित है यहां भारत सरकार का कामकाजी महिला छात्रावास , 52 महिलाओं के रहने , टी वी , फैक्स मशीनें और तमाम साजो सामान से सुसज्जित है यह भवन , भारत सरकार से मुरैना नगरपालिका द्वारा सन 1983-84 के वित्तीय सत्र में इस कामकाजी महिला छात्रावास को बनवाने के लिये अनुदान लिया था , इसकी निरीक्षण रिपोर्ट , कंपलीशन रिपोर्ट और इसमें उपलब्ध सारी सुविधाओं , मशीनरी , साजो सामान , फर्नीचर आदि सहित इसमें रह रही 52 महिलाओं की निरीक्षण रिपोर्ट के दस्तावेज ग्वालियर टाइम्स के पास उपलब्ध हैं , इसमें रह रहीं रातों रात 52 महिलायें अचानक गायब हो गयीं ( या उनकी ह्यूमन ट्रेफिकिंग की गयी , खैर जो भी हुआ हो ) भारत सरकार के दस्तावेजों में इस भवन के लिये जगह लेने तथा भवन निर्माण के लिये स्थाई अनुदान राशि के साथ इसके संचालन के लिये हर साल अलग से अनुदान आता है, जो कि भारत सरकार के दस्तावेजों में अभी तक चालू है , भारत सरकार के इस भवन का इस्तेमाल किसी भी अन्य दूसरी योजना के लिये या अन्य किसी काम के लिये नहीं किया जा सकता , कलेक्टरों द्वारा इसमें किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति या आदेश किसी को भी नहीं दिया जा सकता । यह उनके अधिकार एवं कार्यक्षेत्र के बाहर की आज्ञायें व अनुज्ञप्तियां हैं । बहरहाल वस्तुस्थति जाने बगैर और गुमराह होकर इस भवन के किसी अन्य योजना के लिये निरीक्षण किये जाने और किसी भी प्रकार का कोई भी आदेश या निर्देश दिये जाने संबंधी उपरोक्त समाचार से ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक नहीं रखती और न किसी भी प्रकार की सहमति रखती है , एक ही भवन जिसका स्वामी केन्द्र की भारत सरकार है , उसमें मूल योजना गायब कर राज्य सरकार की अन्य योजना , जाबालि परियोजना के तहत संचालित अभ्युदय आश्रम को अलग से भूमि खरीदने , भवन निर्माण करने का अलग से 100 प्रतिशत फंड काफी पहले सन 1991-92 में ही मिल चुका है , इसके बावजूद किसी अन्य योजना के भवन को खुद का बताकर भारत शासन और मध्यप्रदेश शासन के साथ डबल क्रॉस किया गया है , जिससे ग्वालियर टाइम्स कोई भी इत्तफाक व सहमति और सहयोग नहीं रखती है । ) |
Posted: 06 Jan 2021 02:05 PM PST
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Posted: 06 Jan 2021 02:01 PM PST वनखंडी रोड स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त एड के आधार पर संचालित बाल ग्रह आश्रय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मात्र दो बच्चे पाये गये थे। जबकि बाल ग्रह आश्रय की क्षमता 50 थी। इस कलेक्टर ने जिला एवं महिला बाल विकास विभाग को निर्देश दिये कि दो बच्चों पर शासन का इस प्रकार का व्यय करना उचित नहीं। दूसरे सेंटर पर इस सेंटर को शिफ्ट् करायें। |
कलेक्टर ने बाल संप्रेक्षण ग्रह पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया Posted: 06 Jan 2021 01:58 PM PST
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Posted: 06 Jan 2021 01:56 PM PST
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कलेक्टर ने नगर निगम एवं महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण Posted: 06 Jan 2021 01:52 PM PST
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नगर निगम द्वारा चलाया विशेष सफाई अभियान Posted: 06 Jan 2021 01:49 PM PST
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मुरैना में पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों की विशेष निगरानी Posted: 06 Jan 2021 01:46 PM PST
बर्ड फ्लू के लक्षण, पक्षियों पर नजर रखें पशुपालन मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कौओं में पाया जाने वाला वायरस भ्5छ8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: H5N8 होता है। श्री पटेल ने लोगों से अपील की है कि पक्षियों पर नजर रखें। यदि पक्षियों की आँख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, आँखों से रिसाव हो रहा है, कलगी और टांगों में नीलापन आ रहा है, अचानक कमजोरी, पंख गिरना, पक्षियों की फुर्ती, आहार और अंडे देने में कमी दिखाई देने के साथ असामान्य मृत्यु दर बढ़े, तो सतर्क हो जायें। इसे कदापि छुपाएँ नहीं, वरना यह परिवार के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक हो सकता है। पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें। बर्ड फ्लू सर्विलांस का काम जारी श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू सर्विलांस का काम जारी है। प्रदेश के कुक्कुट फार्म, कुक्कुट बाजार, जलाशयों आदि की सतत निगरानी की जा रही है। कौओं और पक्षियों के नमूने एकत्र कर स्टेट डी.आई. लैब, भोपाल के माध्यम से भारतीय उच्च सुरक्षा, पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (NIHSAD) भोपाल को नियमित भेजे जा रहे हैं। जिलों में जिला प्रशासन, पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग आदि के समन्वय से रोग नियंत्रण कार्यवाही जारी है। |
Posted: 06 Jan 2021 01:43 PM PST राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव श्री दुर्ग विजय सिंह ने जानकारी दी है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के निर्वाचन के लिये एक जनवरी, 2021 की संदर्भ तारीख के आधार पर फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण के लिये कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च, 2021 को होगा। फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का नगरीय निकायों के वार्ड एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 8 फरवरी, 2021 को होगा। दावा-आपत्ति केन्द्रों पर 15 फरवरी तक दावे-आपत्ति लिये जायेंगे। दावे-आपत्तियों का निराकरण 20 फरवरी तक किया जायेगा। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का नगरीय निकायों के वार्ड तथा अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 3 मार्च, 2021 को किया जायेगा। |
फसलों को पाले से बचाने हेतु उपाय अपनाने की सलाह Posted: 06 Jan 2021 01:39 PM PST सर्दी के मौसम में उगाई जाने वाली अधिकांश फसलें पाले से प्रभावित हो सकती है। सब्जी और फल पाले के लिये अधिक संवेदनशील होते है और पाला पड़ने से फसलों को अधिकांश या पूर्ण रूप से हानि हो सकती है, तापमान में अत्याधिक कमी होने के कारण पाला पडने की आशंका आमतौर पर इस समय होती है। जब रात के समय वायुमंडल का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे चला जाता है, और अचानक हवा बंद हो जाती है तो भूमि के धरातल के आसपास घास फूस एवं पौधो की पत्तियों पर बर्फ की पतली परत जम जाती है, इस पतली परत को पाला कहते है। रबी फसलों पर जिस दिन विशेषकर तापमान कम हो शाम को हवा चलना बंद हो जाये ओर रात्रि में आसमान साफ एवं आद्रता प्रतिशत कम हो उस रात पाला पडनें की संभावना अधिक होती है। पाला पडने की संभावना होने पर रात 12 से 2 बजे के आसपास खेत की उत्तर-पश्चिम दिश से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेत के किनारे पर बोई गई फसलों के आसपास मेढ़ो पर घासफूस एकत्र कर धूऑ करके फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। इसी प्रकार हल्की सिंचाई करने से भी फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। जिस दिन पाला पडने की संभावना हो उस दिन जलविलेय सल्फर 80 की 500 ग्राम मात्रा प्रति एकड की दर से छिड़काव किया जा सकता है। अथवा 10 से 15 प्रतिषत गौमूत्र का घोल फसलो पर छिड़काव करने से भी फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। |
समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम आज 11:30 बजे से Posted: 06 Jan 2021 01:36 PM PST |
नेशनल बेविनार इनोवेटिव ट्रेन्ड्स इन केमिकल एण्ड इंवायरमेन्टल सांइसेस कार्यक्रम संपन्न Posted: 06 Jan 2021 01:32 PM PST शासकीय पी.जी. कॉलेज मुरैना के रसायन शास्त्र विभाग में 6 जनवरी को विश्व बैंक परियोजना अन्तर्गत राष्ट्रीय बेविनार का आयोजन इनोवेटिव ट्रेन्ड्स इन केमिकल एण्ड इंवायरमेन्टल सांइसेस विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में डॉ. एम.समीम जामिया हमदर्द, विश्व विद्यालय नई दिल्ली द्वारा नेनो टेक्नोलॉजी के आधारीय परिचय के साथ हरित रसायन में उपयोगता व कोविड-19 के परिपेक्ष्य में प्राकृतिक औषधीय स्वरूप की कैसे औषधीय मान को बढ़ाकर सामान्य जनहित के हित में ला सकते। डॉ. गौतम जयसवाल आगरा विश्व विद्यालय ने पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिये प्रयोगशाला में प्रयुक्त रसायन की विधिओं और प्रति स्थापायियों के परिवर्तन के महत्व को समझाकर प्रर्यावरण के प्रदूषण के तत्वों को विषेले प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है। कार्यक्रम में एलबीएस महाविद्यालय जयपुर के डॉ. मुद्रित गुप्ता ने भी पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये हरित रसायन के महत्व को समझाया। इसकी अध्यक्षता महाविद्यालय पीजी कॉलेज मुरैना के प्राचार्य डॉ. सीएल गुप्ता, विभागाध्यक्ष रसायन शास्त्र डॉ. एएस गहलौत ने बेविनार का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डॉ. एके उपाध्याय ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में डॉ. राजीव भदकारिया ने आभार व्यक्त किया। |
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