रविवार, 4 जुलाई 2010

पोर्टवल यूरीनलों की व्यवस्थाऐं जर्ज्जर

पोर्टवल यूरीनलों की व्यवस्थाऐं जर्ज्जर

मुरैना, जिले का नगरीय प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था में लाखों रू खर्च कर सैकडों की संख्या में शहर में पोर्टवल यूरीनल जगह-ज्रगह जरूरत है वहॉ जरूरत नहीं है वहॉ स्थापित किये गये वहॉ भी आधी अधूरी व्यवस्था में सफाई तो नही हुई गंदगी जरूर नजर आने लगी है भारी भरकम नगरीय प्रषासन के होते हुऐ भी षहर की सभी व्यवस्थाऐं तहसील स्थर से भी जज्जर नजर रही हैं  पता नहीं क्यो जिला प्रषासन एवं जनता द्वारा चुने गये जन प्रतिनिधियों को नजर क्यों नहीं रही मा मुख्यमंत्री का स्वर्णिम मध्यप्रदेष कहीं मुगेंरीलाल का हसीन सपना तो नहीं षहर में व्यवस्थाऐं जागीरदारी जमीदारी कुप्रथा का बढता रोंग नजर रहा हैं प्रषासन से आषा है की जागीरदारी जमीदारी व्यवस्थाओं से इन्सानों को षीध्र मुक्ती दिलाये सुनील सुमितचन्द्र षास्त्री बालमुकंद पिप्पल मोहन षर्मा गोपाल कोषल, परमाल सिंह तोमर, बंगाली बाबू, जाटव वीरेन्द्र सह वजाज, महेन्द्र महेष्वरी, महेष मिश्ना रण्ावीर सिंह कंशाना, सुनील मित्तल, रामजीलाल महौर, श्रीमती रांगना षुक्ला षषी सक्सैना सुधा बांदिल गुडिया परमार चांदनी अनीता अनुरागी सुधा जैन आदि।

 

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