शनिवार, 16 फ़रवरी 2008

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जांये -संभागायुक्त श्री उपाध्याय

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किये जांये  -संभागायुक्त श्री उपाध्याय

 

मुरैना 15 फरवरी 08/ संभागायुक्त श्री विश्वमोहन उपाध्याय ने कहा है कि चम्बल अंचल में दुग्ध व्यवसाय की प्रबल संभावनायें हैं । सहकारिता के माध्यम से डेयरी प्लस योजनायें तैयार कर दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के प्रयास किये जायें । इसके लिए प्रायवेट सेक्टर में 100-100 भैंसों वाली सहकारी समिति के माध्यम से योजना तैयार की जाय । कैलारस शक्कर कारखाना के माध्यम से पांच सौ मुर्रा भैंसों की कार्य योजना तैयार की जा रही है । इसे भी दुग्ध डेयरी से जोड़ने के प्रयास किये जांय ।

       श्री उपाध्याय गत गुरूवार को संभागीय अधिकारियों की बैठक में विभागीय विकास एवं निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे । इस अवसर पर कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।

       समीक्षा के दौरान बन संरक्षक ने बताया कि चम्बल नदी में घड़ियालों की मौत की जांच की जा रही है । वन एवं राजस्व भूमि विवाद संबंधी समस्या कहीं नहीं है । संभागायुक्त ने संयुक्त हस्ताक्षर से तीनों जिलों का प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के कार्य स्वीकृत होने से पहले ही वन विभाग से अनापति प्रमाण पत्र लेने की कार्रवाई की जाय । स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने तीनों जिलों में सेन्ट्रल मेडीकल वेयर हाउस हेतु जमीन आवंटन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए । उन्होंने पहाडगढ़ क्षेत्र के धोंधा कन्हार में डिलेवरी सब सेन्टर बनाने को कहा और भिंड तथा श्योपुर जिले में निर्माण कार्यों को गति देकर पूर्ण कराने तथा स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित करने की ताकीद की ।

       समीक्षा के दौरान बताया गया कि संभाग में पेयजल की समस्या नहीं है । कुल स्थापित 22998 हैंड पंपों में से 1140 बंद हैं, जिन्हें दुरूस्त कराने की कार्रवाई जारी है । संभागायुक्त ने सभी हैंड पंपों को चालू रखने और अधूरी पेयजल योजनाओं को मार्च अंततक पूर्ण कराने के निर्देश दिए । उन्होंने सूखा राहत के अन्तर्गत हैड पम्प खनन हेतु कार्य योजना तैयार करने को कहा । जल संसाधन विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि चम्बल नहर प्रणाली की रूपांकित सिंचाई क्षमता 2 लाख 73 हजार हेक्टर है, किन्तु 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर तक के क्षेत्र को ही सिंचाई लाभ मिल पाता है । नहरों के जीर्णोद्वार के कार्य प्रस्तावित है । वर्तमान में अम्बाह शाखा नहर पर लगभग 87 करोड़ रूपये केकार्य सम्पादित किये जा रहे हैं । कोतवाल और पिलौआ बांध के जीर्णोध्दार हेतु 1 करोड़ 46 लाख रूपये की कार्य योजना प्रस्तावित की गई है । ऐसाह उद्वहन सिंचाई योजना और सिलपई योजना की प्रशासनिक स्वीकृति अपेक्षित है । संभागायुक्त ने योजनाओं के कार्य समयावधि में पूर्ण करने तथा सिंचाई एवं राजस्व बसूली की ओर पर्याप्त ध्यान देने की हिदायत की । बैठक में उपायुक्त आदिम जाति कल्याण द्वारा बताया गया कि जनसंख्या के आधार पर आदिम जाति के आरक्षण का प्रतिशत श्योपुर में 15 और मुरैना में 1 होना चाहिए । श्री उपाध्याय ने इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि वन अधिकार समितियों के गठन के संबंध में संभागीय मुख्यालय मुरैना में प्रशिक्षण कार्य शाला आयोजित की जाय ।

 

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