शनिवार, 14 अप्रैल 2007

दसवां बाल संजीवनी अभियान 23 अप्रेल से 22 मई तक

दसवां बाल संजीवनी अभियान 23 अप्रेल से 22 मई तक

प्रत्येक आंगनवाडी केन्द्र पर तीन दिवसीय बजन मेले लगेंगे

 

मुरैना 13 अप्रेल07- बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए 23 अप्रेल से 22 मई तक दसवें चरण का बाल संजीवनी अभियान चलाया जायेगा इस अभियान के दौरान प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर तीन दिवसीय बजन मेले आयेजित किये जायेंगे तथा कुपोषण के मुख्य कारणों को दूर करने के प्रयास किये जायेगें। अभियान में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिला, परियोजना, पर्यवेक्षक, एन एम, आंगनवाडी कार्यकर्ता, कुपोषण मुक्त ग्राम, नगर पंचायत आदि को पुरस्कृत किया जायेगा

       यह जानकारी जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रघुराज सिंह कंषाना के मुख्यातिथ्य तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सभाजीत यादव की अध्यक्षता में आज सम्पन्न जिला स्तरीय कार्यशाला में दी गई । इस अवसर पर ए.डी.एम. श्री एस.के.सेवले, जिला महिलाएवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती उपासना राय, मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.एस.शर्मा, एस.डी.एम.श्री विजय अग्रवाल तथा परियोजना अधिकारी खंड चिकित्सा अधिकारी और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

       श्री कंषाना ने कहा कि अभियान के दौरान बच्चों का सही बजन लेने की व्यवस्था की जाय और वजन के आधार पर पाये गये कुपोषित बच्चे को अतिरिक्त पौष्टिक आहार देकर उसके स्तर में सुधार लाने के प्रयास किये जाये । अभियान के तहत आयोजित होने वाली प्रत्येक गतिविधि में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय ।

       मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सभाजीत यादव ने कहा कि गरीबी और अस्वच्छता कुपोषण का मुख्य कारण है । अत: स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जाय और स्थानीय स्तर पर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध खाद्य सामग्री के उपयोग को बढावा दिया जाय । उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए मुरैना ग्रामीण परियोजना में 15 फरवरी2007 से शुरू किये गये दुग्ध संजीवनी अभियान के बांछित परिणाम सामने आये है और 113 कुपोषित बच्चों में से लगभग आधे से अधिक बच्चों के वजन में वृद्वि हुई है और कुपोषण के स्तर में सुधार हुआ है । इस योजना का पूरे जिले में विस्तार कर मुरैना को कुपोषण मुक्त जिला बनाने के प्रयास किये जाय । इसमें हर तरह के सहयोग के लिए जिला पंचायत सहर्ष तैयार है । उन्होंने कहा कि सूखा प्रभावित ग्रामों में 3 वर्ष से ऊपर के कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर लिया जाय । मध्यान्ह भोजन के माध्यम से इनके कुपोषण को दूर करने के प्रयास किये जायेगें ।

       अपर कलेक्टर श्री सेवले ने कहा कि अभियान के दौरान वजन मेलों पर सजग निगरानी रखी जाय और यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी बच्चा बजन लेने से वंचित नहीं रह जाय । उन्होंने अभियान में राजस्व अमले का सहयोग लेने की भी ताकीद की ।

       प्रारंभ में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती उपासना राय ने बताया कि अभियान का मूल्यांकन राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय दल द्वारा कराया जायेगा । अभियान में मातृ सहयोगिनी समिति को भी भागीदार बनाया जायेगा ।वजन के आधार पर पाये गये गम्भीर कुपोषित बच्चों को बाल शक्ति योजना के तहत उपचार दिलाया जायेगा । उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में संचालित प्रथम चरण के अभियान में मुरैना जिले में कुपोषण का प्रतिशत 54 पाया गया था, जो आज 9 वें अभियान के बाद घट कर 47 रह गया है । आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लागू नई पोषण आहार व्यवस्था और मंगल दिवस के आयोजन को भी अभियान का हिस्सा बनाकर मुरैना को कुपोषण मुक्त जिला बनाने के प्रयास किये जायेगें । कार्यशाला में एन जी ओ सुश्री आशा सिकरवार ने भी अपने विचार रखे ।

       कार्यशाला का संचालन और आभार प्रदर्शन परियोजना अधिकारी श्री आर.के.तिवारी ने किया ।

 

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