सोमवार, 14 अप्रैल 2008

ग्‍वालियर श्‍योपुर छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदलेगी, अंचल में बरसेंगीं कई सौगातें दूर होंगीं शिकायतें

किसान सभा में जमकर गरजे सिंधिया, बूढ़ी को गले लगाकर लोगों के दिल जीते

ग्‍वालियर श्‍योपुर छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदलेगी, अंचल में बरसेंगीं कई सौगातें दूर होंगीं शिकायतें

बिजली, बीज, खाद और पानी के साथ किसानों को हथकड़ी लगाने पर फटकारा शिवराज सरकार को

सिंधिया ने बिखेरा सामूहिक सम्‍मोहन, अपने नाई और डाकिये को सबसे मिलाया, कहकर बजवाईं तालीयां  

असलम खान, ब्‍यूरो चीफ जिला ग्‍वालियर

मुरैना 14 अप्रेल 08, मुरैना के बानमोर कस्‍बे में अम्‍बेडकर जयन्‍ती पर आयोजित विशाल किसान सभा को अपने आक्रामक तेवरों के साथ सम्‍बोधित करते हुये जहॉं केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने न केवल लोगों के दिल जीत लिये बल्कि राजमहल व झोपड़ी के बीच की दूरी भी एक झटके में खत्‍म कर दी सिंधिया के लिये बना मंच कांग्रेसीयों की भीड़ ने सिंधिया के पहुँचने से पहले ही कबजिया लिया था, लेकिन फिर भी आम आदमी को उन तक पहुँचने में असुविधा नहीं हुयी । इसी के चलते एक बूढ़ी महिला जैसे तैसे मंच पर पहुँच गयी और सिं‍धिया से मिलने उनके नजदीक पहुँच गयी । सिंधिया ने जिस आत्‍मीयता से उसे अपने गले से चिपटा कर अपनी मॉं से अधिक सम्‍मान व आत्‍मीयता दी तो सभा में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो गये । न केवल सबके मुँह से वाह निकला बल्कि धन्‍य धन्‍य कह उठे कांगेसीयों के भारी भरकम स्‍वागतोपरान्‍त सिंधिया ने जब बोलना शुरू किया तो उपस्थित जन चमत्‍कृत होकर उन्‍हें सुनते रह गये । श्रीमंत सिंधिया ने शुरूआत में बाबा साहब अमबेडकर का स्‍मरण किया और उनके तीन सूत्रों को लोगों को गांठ में बांधने की सलाह दी । सिंधिया ने कहा कि अन्‍याय सहन मत करो, पड़ोसी पर होने वाले अन्‍याय को तो कतई बर्दाश्‍त मत करो । यदि एक आदमी अन्‍याय के खिलाफ लड़ता है तो जब तक वह अकेला रहता है तब तक उसे प्रताड़ना सहनी पड़ती है और जब कई लोग उसके साथ हो जाते हैं तो अन्‍यायी का साम्राज्‍य ही ध्‍वस्‍त हो जाता है ।

सिंधिया ने किसानों के साथ हो रहे जुल्‍म के खिलाफ दहाड़ते हुये कहा कि, इस भाजपाई सरकार की जुर्रत कैसे हुयी मेरे अन्‍नदाताओं पर जुल्‍म ढाने की, मेरा किसान मेरा अन्‍नदाता जो सारे देश को रोटी खिलाता है, एसे बिजली, पानी, बीज और खाद के लिये इस भाजपा सरकार ने तरसा दिया । रतलाम में हथकडि़यां डाल कर सरे बाजार घुमाया, मुझे ये बर्दाश्‍त नहीं, अपने अन्‍नदाताओं के खिलाफ जुल्‍म एक पल के लिये मैं बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने आक्रोशित तेवरों में गुस्‍से से लाल चेहरे और ओजस्‍वी वाणी में कहा कि मेंरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं की बिजली की डी.पी. गांवों से उखाड़ ले जाते हैं, उनके तार काट देते हैं और उन्‍हें ऋणदाताओं के द्वारा गला घोंटने के लिये छोड़ देते हैं ।

यह देश यह प्रदेश व्‍यापारीयों का देश या प्रदेश नहीं है, यह देश यह प्रदेश मेरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं का देश प्रदेश है, और यदि इस देश का विकास करना है इसकी सच्‍ची उन्‍नति करनी है तो यहॉं व्‍यापारीयों की नहीं किसानों की अन्‍नदाताओं की तरक्‍की व विकास होना चाहिये, तभी इस देश का या प्रदेश का विकास होगा । हजारों करोड़ के निवेश करार से नहीं बल्कि गरीब किसान को समृद्ध बनाने से प्रदेश और देश का विकास होगा ।

किसान का अन्‍नदाता का अस्तित्‍व ही छीना जा रहा है, किसानों की इस धरती पर अन्‍य के लिये सीमित स्‍थान है, अन्‍नदाता सर्वोपरि है उसे उत्‍कृष्‍ट जगह मिलनी ही चाहिये । मैं किसान पर जुल्‍म बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

सिंधिया बीच बीच में लोगों का संकोच दूर करने के लिये चुटकी ले कर लोगों को हंसाते भी रहे वहीं अपने आक्रामक तेवर भी यथावत बरकरार रखे रहे । वहीं बीच बीच में लोगों को तालियां बजाने की कह कर उनका सामूहिक सम्‍मोहन तोड़ कर उनसे तालियां भी बजवाते रहे ।

सामूहिक सम्‍मोहन का ऐसा अद्भुत नजारा सिंधिया ने दिखाया कि लोग सिंधिया के भाषण में खो कर ही रह गये ।

सिंधिया ने अपनी क्रमबद्ध उपलब्धियों क्रमश: धड़ाधड़ वहॉं गिनवाया । श्रीमंत सिंधिया ने सभा में बताया कि श्‍योपुर ग्‍वालियर नैरोगेज को ब्राडगेज में बदलने की मांग उनसे की गयी थी, जो कि शीघ्र ही ब्राडगेज में बदल जायेगी ।

श्रीमंत सिंधिया ने चम्‍बल की जनता के सामने बताया कि मेरे स्‍वर्गीय पिता ने मुझे बचपन से ही सिखाया था कि राजनीति जनसेवा का माध्‍यम है इसलिये राजनीति करनी होती है इसका अन्‍य कोई अर्थ या उद्देश्‍य नहीं होना चाहिये । वे बोले नेता तो झूठे होते हैं , और महज कोरे आश्‍वासन देते हैं, लोग इन नेताओं से तंग आ चुके हैं और नेताओं से चिढ़ने लगे हैं । सिधिया बोले कि मैं भी इन नेताओं से तंग आ गया हूं , मुझे भी इनसे नफरत है, लेकिन कीचड़ मे घुसकर ही कीचड़ साफ होती है सो मैं भी नेता हूँ , चुटकी लेते हुये सिंधिया ने कहा कि मैं आपके परिवार का सदस्‍य हूं , मुझे वैसा वाला नेता मत समझ लेना जिससे लोग ठहाका लगा बैठे ।

सिंधिया ने कहा कि सम्‍बन्‍ध कायम करने में ढाई सौ साल लगते हैं, और तोड़ने में पल भी नहीं लगता, ये नाजुक होते हैं इन्‍हें सहेज कर रखना चाहिये ।

सिंधिया ने वायदा किया कि मैं अपने पिता को अपना आदर्श मानता हूँ और एक योग्‍य व उत्‍तम पिता का योग्‍य पुत्र होने के नाते कुछ भी ऐसा नहीं करूंगा जिससे मेंरे स्‍वर्गीय पिता की छवि पर कोई दाग लगे उन्‍हें संताप हो । मेरा हर कदम हर कोशिश यही रहेगी कि मैं अपनी पारिवारिक परम्‍परा और निष्‍ठा को बरकरार रखूंगा तथा समर्पित भाव से सदा आपकी सेवा करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने नेताओं से कहा कि पहले जनता के जितने भी काम हैं वह करवाओ, और जब जनता के सारे काम हो जायें तब फिर आपके काम भी करूंगा, पहले जनहित वाले काम देख लो उनको निबटा लो फिर आपके निजी काम भी होंगे ।

श्रीमंत सिंधिया ने कहा कि मैं ग्‍वालियर चम्‍बल के लिये जो भी जितना भ बन पड़ेगा करूंगा, और यह शिकायत नहीं रहने दूंगा कि ये नहीं हुआ वो नहीं हुआ । मैं आपको ऐसी अद्भुत व अविस्‍मरणीय सौगातें दूंगा कि आप मेरे स्‍व. पिता की तर‍ह मुझे भी अपने दिलों से निकाल नहीं पायेंगे । मुझे यहॉं आपके लिये बहुत कुछ करना है, हालांकि समय कम है और महज एक साल में मुझे आपके लिये बहुत कुछ करना है पर मेरा वायदा है मैं करूंगा, मेरे हिसाब से मेरे लिये इतना ही वक्‍त पर्याप्‍त है और मैं  कर दूंगा मैं करूंगा ।

मैं संचार क्षेत्र में भी विशेष ध्‍यान देकर आपकी सारी शिकायतें दूर कर दूंगा, मैंने यहॉं की बहुत शिकायतें सुनीं हैं आप बेफिक्र रहिये कोई शिकायत नहीं रहेगी । मैं आपसे अपना पारिवारिक नाता बना कर रखना चाहता हूं और यह अटूट व सदा कायम रहना चाहिये ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने परिवार के दो अभिन्‍न सदस्‍यों से भी लोगों को मिलवाया, श्रीमंत सिंधिया ने मंच पर मौजूद एक नाई व एक डाकिये को सबसे परिचित कराया और बताया कि एक तो रोज मेरा द्वारा खटखटाता है, रोज मेरी चिठ्ठी लाता है , दूसरा मेरे बाल काटता है, ये मेरे परिवार के सच्‍चे सदस्‍य व मेरे सच्‍चे हितैषी है, जो अनवरत रूप से मेरी सेवा करते हैं ।                

                  

किसान सभा में जमकर गरजे सिंधिया, बूढ़ी को गले लगाकर लोगों के दिल जीते

किसान सभा में जमकर गरजे सिंधिया, बूढ़ी को गले लगाकर लोगों के दिल जीते

ग्‍वालियर श्‍योपुर छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदलेगी, अंचल में बरसेंगीं कई सौगातें दूर होंगीं शिकायतें

बिजली, बीज, खाद और पानी के साथ किसानों को हथकड़ी लगाने पर फटकारा शिवराज सरकार को

सिंधिया ने बिखेरा सामूहिक सम्‍मोहन, अपने नाई और डाकिये को सबसे मिलाया, कहकर बजवाईं तालीयां  

असलम खान, ब्‍यूरो चीफ जिला ग्‍वालियर

मुरैना 14 अप्रेल 08, मुरैना के बानमोर कस्‍बे में अम्‍बेडकर जयन्‍ती पर आयोजित विशाल किसान सभा को अपने आक्रामक तेवरों के साथ सम्‍बोधित करते हुये जहॉं केन्‍द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने न केवल लोगों के दिल जीत लिये बल्कि राजमहल व झोपड़ी के बीच की दूरी भी एक झटके में खत्‍म कर दी सिंधिया के लिये बना मंच कांग्रेसीयों की भीड़ ने सिंधिया के पहुँचने से पहले ही कबजिया लिया था, लेकिन फिर भी आम आदमी को उन तक पहुँचने में असुविधा नहीं हुयी । इसी के चलते एक बूढ़ी महिला जैसे तैसे मंच पर पहुँच गयी और सिं‍धिया से मिलने उनके नजदीक पहुँच गयी । सिंधिया ने जिस आत्‍मीयता से उसे अपने गले से चिपटा कर अपनी मॉं से अधिक सम्‍मान व आत्‍मीयता दी तो सभा में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो गये । न केवल सबके मुँह से वाह निकला बल्कि धन्‍य धन्‍य कह उठे कांगेसीयों के भारी भरकम स्‍वागतोपरान्‍त सिंधिया ने जब बोलना शुरू किया तो उपस्थित जन चमत्‍कृत होकर उन्‍हें सुनते रह गये । श्रीमंत सिंधिया ने शुरूआत में बाबा साहब अमबेडकर का स्‍मरण किया और उनके तीन सूत्रों को लोगों को गांठ में बांधने की सलाह दी । सिंधिया ने कहा कि अन्‍याय सहन मत करो, पड़ोसी पर होने वाले अन्‍याय को तो कतई बर्दाश्‍त मत करो । यदि एक आदमी अन्‍याय के खिलाफ लड़ता है तो जब तक वह अकेला रहता है तब तक उसे प्रताड़ना सहनी पड़ती है और जब कई लोग उसके साथ हो जाते हैं तो अन्‍यायी का साम्राज्‍य ही ध्‍वस्‍त हो जाता है ।

सिंधिया ने किसानों के साथ हो रहे जुल्‍म के खिलाफ दहाड़ते हुये कहा कि, इस भाजपाई सरकार की जुर्रत कैसे हुयी मेरे अन्‍नदाताओं पर जुल्‍म ढाने की, मेरा किसान मेरा अन्‍नदाता जो सारे देश को रोटी खिलाता है, एसे बिजली, पानी, बीज और खाद के लिये इस भाजपा सरकार ने तरसा दिया । रतलाम में हथकडि़यां डाल कर सरे बाजार घुमाया, मुझे ये बर्दाश्‍त नहीं, अपने अन्‍नदाताओं के खिलाफ जुल्‍म एक पल के लिये मैं बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने आक्रोशित तेवरों में गुस्‍से से लाल चेहरे और ओजस्‍वी वाणी में कहा कि मेंरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं की बिजली की डी.पी. गांवों से उखाड़ ले जाते हैं, उनके तार काट देते हैं और उन्‍हें ऋणदाताओं के द्वारा गला घोंटने के लिये छोड़ देते हैं ।

यह देश यह प्रदेश व्‍यापारीयों का देश या प्रदेश नहीं है, यह देश यह प्रदेश मेरे किसानों मेरे अन्‍नदाताओं का देश प्रदेश है, और यदि इस देश का विकास करना है इसकी सच्‍ची उन्‍नति करनी है तो यहॉं व्‍यापारीयों की नहीं किसानों की अन्‍नदाताओं की तरक्‍की व विकास होना चाहिये, तभी इस देश का या प्रदेश का विकास होगा । हजारों करोड़ के निवेश करार से नहीं बल्कि गरीब किसान को समृद्ध बनाने से प्रदेश और देश का विकास होगा ।

किसान का अन्‍नदाता का अस्तित्‍व ही छीना जा रहा है, किसानों की इस धरती पर अन्‍य के लिये सीमित स्‍थान है, अन्‍नदाता सर्वोपरि है उसे उत्‍कृष्‍ट जगह मिलनी ही चाहिये । मैं किसान पर जुल्‍म बर्दाश्‍त नहीं करूंगा ।

सिंधिया बीच बीच में लोगों का संकोच दूर करने के लिये चुटकी ले कर लोगों को हंसाते भी रहे वहीं अपने आक्रामक तेवर भी यथावत बरकरार रखे रहे । वहीं बीच बीच में लोगों को तालियां बजाने की कह कर उनका सामूहिक सम्‍मोहन तोड़ कर उनसे तालियां भी बजवाते रहे ।

सामूहिक सम्‍मोहन का ऐसा अद्भुत नजारा सिंधिया ने दिखाया कि लोग सिंधिया के भाषण में खो कर ही रह गये ।

सिंधिया ने अपनी क्रमबद्ध उपलब्धियों क्रमश: धड़ाधड़ वहॉं गिनवाया । श्रीमंत सिंधिया ने सभा में बताया कि श्‍योपुर ग्‍वालियर नैरोगेज को ब्राडगेज में बदलने की मांग उनसे की गयी थी, जो कि शीघ्र ही ब्राडगेज में बदल जायेगी ।

श्रीमंत सिंधिया ने चम्‍बल की जनता के सामने बताया कि मेरे स्‍वर्गीय पिता ने मुझे बचपन से ही सिखाया था कि राजनीति जनसेवा का माध्‍यम है इसलिये राजनीति करनी होती है इसका अन्‍य कोई अर्थ या उद्देश्‍य नहीं होना चाहिये । वे बोले नेता तो झूठे होते हैं , और महज कोरे आश्‍वासन देते हैं, लोग इन नेताओं से तंग आ चुके हैं और नेताओं से चिढ़ने लगे हैं । सिधिया बोले कि मैं भी इन नेताओं से तंग आ गया हूं , मुझे भी इनसे नफरत है, लेकिन कीचड़ मे घुसकर ही कीचड़ साफ होती है सो मैं भी नेता हूँ , चुटकी लेते हुये सिंधिया ने कहा कि मैं आपके परिवार का सदस्‍य हूं , मुझे वैसा वाला नेता मत समझ लेना जिससे लोग ठहाका लगा बैठे ।

सिंधिया ने कहा कि सम्‍बन्‍ध कायम करने में ढाई सौ साल लगते हैं, और तोड़ने में पल भी नहीं लगता, ये नाजुक होते हैं इन्‍हें सहेज कर रखना चाहिये ।

सिंधिया ने वायदा किया कि मैं अपने पिता को अपना आदर्श मानता हूँ और एक योग्‍य व उत्‍तम पिता का योग्‍य पुत्र होने के नाते कुछ भी ऐसा नहीं करूंगा जिससे मेंरे स्‍वर्गीय पिता की छवि पर कोई दाग लगे उन्‍हें संताप हो । मेरा हर कदम हर कोशिश यही रहेगी कि मैं अपनी पारिवारिक परम्‍परा और निष्‍ठा को बरकरार रखूंगा तथा समर्पित भाव से सदा आपकी सेवा करूंगा ।

श्रीमंत सिंधिया ने नेताओं से कहा कि पहले जनता के जितने भी काम हैं वह करवाओ, और जब जनता के सारे काम हो जायें तब फिर आपके काम भी करूंगा, पहले जनहित वाले काम देख लो उनको निबटा लो फिर आपके निजी काम भी होंगे ।

श्रीमंत सिंधिया ने कहा कि मैं ग्‍वालियर चम्‍बल के लिये जो भी जितना भ बन पड़ेगा करूंगा, और यह शिकायत नहीं रहने दूंगा कि ये नहीं हुआ वो नहीं हुआ । मैं आपको ऐसी अद्भुत व अविस्‍मरणीय सौगातें दूंगा कि आप मेरे स्‍व. पिता की तर‍ह मुझे भी अपने दिलों से निकाल नहीं पायेंगे । मुझे यहॉं आपके लिये बहुत कुछ करना है, हालांकि समय कम है और महज एक साल में मुझे आपके लिये बहुत कुछ करना है पर मेरा वायदा है मैं करूंगा, मेरे हिसाब से मेरे लिये इतना ही वक्‍त पर्याप्‍त है और मैं  कर दूंगा मैं करूंगा ।

मैं संचार क्षेत्र में भी विशेष ध्‍यान देकर आपकी सारी शिकायतें दूर कर दूंगा, मैंने यहॉं की बहुत शिकायतें सुनीं हैं आप बेफिक्र रहिये कोई शिकायत नहीं रहेगी । मैं आपसे अपना पारिवारिक नाता बना कर रखना चाहता हूं और यह अटूट व सदा कायम रहना चाहिये ।

श्रीमंत सिंधिया ने अपने परिवार के दो अभिन्‍न सदस्‍यों से भी लोगों को मिलवाया, श्रीमंत सिंधिया ने मंच पर मौजूद एक नाई व एक डाकिये को सबसे परिचित कराया और बताया कि एक तो रोज मेरा द्वारा खटखटाता है, रोज मेरी चिठ्ठी लाता है , दूसरा मेरे बाल काटता है, ये मेरे परिवार के सच्‍चे सदस्‍य व मेरे सच्‍चे हितैषी है, जो अनवरत रूप से मेरी सेवा करते हैं ।                

                  

चम्‍बल घाटी में 40 मिनिट तक जमकर गिरा पानी, गर्मी से हल्‍की राहत

चम्‍बल घाटी में 40 मिनिट तक जमकर गिरा पानी, गर्मी से हल्‍की राहत

अनीता मिश्रा, तहसील संवाददाता मुरैना

मुरैना/ भिण्‍ड/ श्‍योपुर/ धौलपुर 13 अप्रेल 08, आज शाम को लगभग साढ़े छ: बजे समूची चम्‍बल घाटी में लगभग 40 मिनिट तक जम कर बरसात हुयी । देखते ही देखते चन्‍द मिनिटों में सड़कें व नालियां लबालब भर गयीं । गलियों मोहल्‍लों में उफनती नालियों का सारा मलबा बहकर सड़कों पर आ गया, मुरैना शहर की सफाई व्‍यवस्‍था खराब होने और घटिया सड़कों के कारण चन्‍द मिनिटों में भरने वाले पानी को निकलने में पॉंच छह घण्‍टे का वक्‍त लगता है ।

शाम की बरसात से यद्यपि लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली लेकिन हवा बन्‍द रहने से भारी उमस व बैचेनी हो गयी । संभवत: आने वाले समय में अभी और पानी बरसेगा । बच्‍चों ने जहॉं वारिश में भीगने का जम कर आनन्‍द लिया वहीं गलियों सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के कारण आने जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा ।        

 

प्रत्येक गरीब परिवार को मिलेगा तीन रूपये किलो गेहूँ, साढ़े चार रूपए किलो चावल

मध्यप्रदेश में गरीबों को सस्ता अनाज देने की मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना  15 अप्रैल से
प्रत्येक गरीब परिवार को मिलेगा तीन रूपये किलो गेहूँ, साढ़े चार रूपए किलो चावल

भोपाल : 12 अप्रैल, 2008

मध्यप्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लाखों परिवारों को शासकीय उचित मूल्य की दुकान से तीन रुपये प्रति किलो गेहूँ एवं साढ़े चार रुपये प्रति किलो चावल रियायती दर पर उपलब्ध कराने की ''मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना''  15 अप्रैल से शुरू होगी। मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना की प्रदेशव्यापी शुरूआत राजधानी भोपाल से की जायेगी। भोपाल में इस योजना के शुभारंभ के बाद 16 अप्रैल को रीवा, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, इन्दौर, सागर  संभागीय मुख्यालयों पर बीपीएल हितग्राहियों के शिविर लगाकर योजना को शुरू किया जायेगा। तीसरे दिन 17 अप्रैल को शेष जिला मुख्यालयों पर इन शिविरों का आयोजन होगा। शिविरों में सभी शासकीय विभागों द्वारा गरीब परिवारों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी।

राज्य शासन द्वारा गरीबों के हित में प्रारंभ की जा रही इस महत्वपूर्ण योजना की व्यापक तैयारियां की जा रही है। बीपीएल परिवारों को वर्तमान उपभोक्ता दर गेहूँ पांच रूपये प्रति किलो एवं चावल 6.50 रूपये प्रति किलो पर चालू वर्ष में 2 रूपये प्रति किलो के मान से सब्सिडी देने हेतु बजट में एक अरब 60 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों के अलावा शेष रह गये 41.25 लाख बीपीएल परिवारों के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर यह योजना लागू की जा रही है। इस योजना में बीपीएल परिवारों (नीले राशन कार्डधारी) को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कम से कम 20 किलो खाद्यान्न (गेहूँ व चावल) हर माह गेहूँ 3 रूपये प्रति किलो एवं चावल 4.50 रूपये प्रति किलो की दर से प्रदाय किया जायेगा। प्रदेश में इस समय अन्त्योदय अन्न योजना के हितग्राहियों (पीले राशन कार्डधारी) को 2 रूपये प्रति किलो गेहूँ एवं 3 रूपये प्रति किलो चावल के हिसाब से कुल 35 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह वितरित किया जा रहा है। अंत्योदय हितग्राहियों की संख्या 15.81 लाख है। इस योजना के अलावा शेष बीपीएल परिवारों को अभी औसतन लगभग 20 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों के हितों को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना प्रारंभ कराने की पहल की है, जिससे उन्हें भी अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लगभग कीमत पर अनाज मिल सके।

गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए आवंटित खाद्यान्न समय पर उपलब्ध हो, इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा मार्च माह से ही अप्रैल के आवंटित खाद्यान्न का अग्रिम उठाव प्रांरभ कर दिया गया था। योजना के अंतर्गत बीपीएल हितग्राही परिवारों को आवंटित खाद्यान्न पर राज्य शासन की तरफ से अनुदान की राशि चालू साल के बजट में उपलब्ध कराई गई है। शासन ने स्पष्ट किया गया है कि बीपीएल परिवारों (नीले राशन कार्डधारी) को उचित मूल्य की दुकानों से वितरित किये जा रहे खाद्यान्न की कीमत गेहूँ 3 रूपये प्रति किलो एवं चावल 4.50 रूपये प्रति किलो की दर से ही ली जाये।

 

जिलों में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के शिविर में बीपीएल परिवारों, समिति के संचालकों, लीड/लिंक मैनेजर तथा सेल्समेन, उपभोक्ता भंडारों के संचालक, पंचायतों द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकानों से संबंधित सरपंच, पंच, पंचायत सचिव आदि भी शामिल होगें। प्रत्येक शिविर में लगभग सौ हितग्राही परिवारों को 20 -20 किलो खाद्यान्न का पैकेट दिया जायेगा। शासन ने समस्त जिला कलेक्टरों को भेजे निर्देश में इस योजना का पूर्ण लाभ हितग्राही परिवारों को ही मिले, यह सुनिश्चित करने को कहा है। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों पर रहेगी।

शासन द्वारा प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान के लिए गठित निगरानी समिति की देखरेख में सही सामग्री प्रतिमाह हितग्राहियों को ही मिले एवं किसी भी स्थिति में कालाबाजारी व अन्य अनियमितता न हो, इसकी भी व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के दल बनाये जायेंगे। कलेक्टरों से उचित मूल्य की दुकान के वितरण रजिस्टर में प्रत्येक इन्द्राज एवं लेजर रजिस्टर में प्रत्येक परिवार को प्राप्त हो रहे विभिन्न खाद्यान्न आदि की मात्रा का उल्लेख कराने को भी कहा गया है। किसी दुकान में गड़बड़ी मिलने पर जिला कलेक्टरों को दोषियों के विरूध्द कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।  प्रत्येक प्रकरण में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत दाण्डिक प्रकरण बनाकर न्यायालयीन कार्यवाही के साथ लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही करने को कहा गया है। ऐसे व्यक्ति जिनके विरूध्द पूर्व में भी प्रकरण बनाया गया है, तो उनके विरूध्द चोर बाजारी अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये
गये है।

 

रविवार, 13 अप्रैल 2008

गायों के लिये मौत का फरमान, विनाशकारी पॉलीथिन

गायों के लिये मौत का फरमान, विनाशकारी पॉलीथिन

मनों पॉलीथिन लील जाती हैं हजारों गायें रोज इस जहर को

अनीता मिश्रा, तहसील संवाददाता मुरैना   

मुरैना/ भिण्‍ड/श्‍योपुर/ धौलपुर 13 अप्रेल 08, इन दिनों शादी विवाहों को मौसम में, विवाहों के दौरान भारी संख्‍या में विनाशकारी पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है । इस पॉलीथिन को उपयोग के बाद कचरे के ढेरों में फेंक दिया जाता है, जिसे बाद में भारी मात्रा में पशुओं द्वारा भोजन व स्‍वाद की चाह में लील लिया जाता है । जिसमें गायों तथा अन्‍य चौपायों की संख्‍या काफी अधिक है ।

ज्ञातव्‍य है कि चम्‍बल क्षेत्र भगवान श्री कृष्‍ण की लीला स्‍थली एवं पाण्‍डवों की ननसार रही है अत: चम्‍बल में गौ पालन व संरक्षण का विशेष महत्‍व है । इसके अलावा लगभग 70 प्रतिशत गायें यहॉं या तो महज सेवा करने के लिये पाली जातीं हैं या वैसे ही आवारा ढील दी जातीं हैं । जो यत्र तत्र सर्वत्र यूं ही मुक्‍त विचरण करतीं रहतीं हैं, और भोजन पानी तलाशती फिरती हैं ।

भूख और प्‍यास से व्‍याकुल गायों को इन दिनों शहर और गॉंवों में होने वाले विवाह समारोहों के पश्‍चात फेंकी जाने वाली झूठन और कचरे से काफी भोजन प्राप्‍त हो जाता है जिससे गायों व अन्‍य चौपायों की मौज हो जाती है । लेकिन आधुनिक विवाहों में भारी मात्रा में पॉलीथिन जैसी विषैली और विनाशकारी उपयोग की जातीं हैं जिन्‍हें भोजन की झूठन के साथ ही मिश्रित रूप में फेंक दिया जाता है, कई बार तो भोजन की झूठन ही इन पॉलीथिनों में कैद रहती है । इसके अलावा पॉलीथिन चबाने में नरम होने से पशुओं को चबाने में सुखद अनुभूति कराती है । सो लालच व भूख में गाय तथा अन्‍य चौपाये इन्‍हें निगल जाते हैं ।

प्रतिवर्ष अकेले चम्‍बल में पिछलें सात साल के दौरान पॉलीथिन के लीलने से औसतन 700 गायों और अन्‍य चौपायों सहित 1900 पशु अनजाने व अकाल मारे गये । इसमें हमने वे आंकड़े भी शामिल किये हैं जिनमें पशुओ की मृत्‍यु पीने का पानी न मिलने से प्‍यास से भी मरे हैं ।

जब कई मरी हुयी गायों को ढो ढो कर पशु चिकित्‍सकों ने उनका पोस्‍ट मार्टम किया तो 93 फीसदी के अंदर पॉलीथिन के भण्‍डार मिले । जिसमें गायों की मौत के आंकड़े और भी भयावह हैं, मरने वाली गायों के पेट से 40 किलो से लेकर 65 किलो तक पालीथिन पायी गयी ।

पॉलीथिन धरती को बंजर कर रही है, इसका परिणाम भुगतने में तो हमें अभी दस पन्‍द्रह साल लगेंगे लेकिन पशुओं को अकाल मौत के घाट तो पिछले पन्‍द्रह साल से उतार रही है, इससे हम वाकिफ होकर या तो मौन हैं या नावाकिफ ।

 

गर्मी चरम पर, बिलबिलाये लोग, सुबह हल्‍की बूंदाबांदी मगर बेअसर

गर्मी चरम पर, बिलबिलाये लोग, सुबह हल्‍की बूंदाबांदी मगर बेअसर

अतर सिंह डण्‍डोतिया, तहसील संवाददाता मुरैना  

मुरैना 13 अप्रेल 08, आज सुबह हल्‍की बुंदाबांदी चम्‍बल घाटी में प्रात: 6 बजे हुयी लेकिन अंचल में व्‍याप्‍त गर्मी की विभीषता को कम नहीं कर सकी । उल्‍लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से अंचल में एकदम भीषण गर्मी हो गयी है, और लोग व्‍याकुल व बेहाल हो गये हैं । वैसे तो दिन भर हवा नहीं चलती जिससे सूरज की तपिश और भी कष्‍टदेह हो जाती है, वहीं जब हव शाम के वक्‍त चलती है तो लू की झुलस देती है और जहॉं मनुष्‍य इससे व्‍याकुल हुआ है दूसरी ओर पशु पक्षियों व जानवरों के भी इस गर्मी से बुरे हाल हैं, हालांकि चम्‍बल के लोग पक्षियों के लिये पानी भर कर जगह जगह रख देते हैं लेकिन दोपहर बाद वह पानी भी गर्म हो जाता है जिससे प्‍यासे पक्षी पानी नहीं पी पाते ।

 

पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग का आज पारित हुआ था प्रस्‍ताव

चम्‍बल राज्‍य की मांग का आज पारित हुआ था प्रस्‍ताव

आठ साल पहले राष्‍ट्रीय जनता दल ने उठाई थी मांग, अब चम्‍बल के हर बच्‍चे की ख्‍वाहिश

असलम खान, ब्‍यूरो चीफ ग्‍वालियर   

मुरैना 13 अप्रेल 08, आज से आठ साल पहले सन 2000 में आज के दिन यानि 13 अप्रेल को पहली बार पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग उठी थी । उल्‍लेखनीय है कि उस समय पृथक झारखण्‍ड और छत्‍तीसगढ़ की मांग को लेकर राजनीतिक उथल पुथल मची थी तथा कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही छोटे राज्‍य बनाये जाने के पक्षधर होकर विध्‍धनसभाओं में प्रस्‍ताव पारित करने में लगे थे तथा विकास के लिये छोटे राज्‍यों का होना जरूरी जैसे अहम तर्क दे रहे थे ।

ऐसे समय में स्‍वतंत्रता प्राप्ति से ही हैरान परेशान और दुखी चम्‍बल वासीयों ने चम्‍बल की राजनीतिक व आर्थिक उपेक्षाओं को लेकर राष्‍ट्रीय जनता दल के मध्‍यप्रदेश के महासचिव श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' से सम्‍पर्क किया था, अंचल के लोगों की और चम्‍बल की लगातार उपेक्षा के इस मुद्दे को राजद प्रदेश महासचिव ने गंभीरता से लेकर, 13 अप्रेल 2000 को चम्‍बल के राजद नेताओं और किसानों, विद्यार्थियों तथा नागरिकों के साथ एक विशेष सभा आयोजित की थी, जिसमें सर्वसम्‍मति से प्रस्‍ताव पारित किया गया था कि उपेक्षा, पिछड़ेपन और नाकारापन तथा अनसुनवाई जैसी समस्‍याओं से निपटने तथा अपना विकास और विकास की दिशा खुद तय करने के लिये पृथक चम्‍बल राज्‍य बनाया जाना जरूरी है ।

राजद की इस बैठक में नवीन चम्‍बल राज्‍य का एक नक्‍शा भी पारित किया गया जिसमें म.प्र., उ.प्र. और राजस्‍थान के चम्‍बल के आसपास के भू भाग सम्मिलित किये गये ।

प्रस्‍ताव में यह भी कहा गया कि दिल्‍ली और भोपाल में बैठकर हमारी तकदीरें तय करने का अधिकार उन लोगों को नहीं होना चाहिये जो चम्‍बल के बारे में सरासर निक्षर हैं, वे हमारी योजनायें बनाते हैं और हमारे विकास की रूपरेखा तय करते हैं जो हमारे लिये विदेशी हैं । प्रस्‍ताव में राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी राजनीतिक दल द्वारा अपना प्रदेश व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चम्‍बल के किसी बेटे को न बनाये जाने की भी निन्‍दा कर प्रश्‍न उठाया गया था कि अब तक मुख्‍यमंत्री, प्रधानमंत्री या राज्‍यपाल चम्‍बल के किसी बेटे को क्‍यों नहीं बनाया गया ।

13 अप्रेल 2000 को चम्‍बलवासीयों द्वारा राष्‍ट्रीय जनता दल के तत्‍वाधान में पारित इस प्रस्‍ताव में अपना विकास खुद करने और अपनी नीतियां स्‍वयं बनाने तथा प्रचुर खनिज एवं पर्यटन सम्‍पदा की बात कही गयी थी ।

आज आठ साल बाद इस प्रस्‍ताव के जन्‍म दिवस पर चम्‍बल के लाेग न तो इस प्रस्‍ताव को भूले हैं और न प्रस्‍ताव की मूल भावनाओं को । आठ साल तक यह आन्‍दोलन निरन्‍तर चलता रहा जो आज तक जारी है । हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने जरूर चम्‍बल के एक बेटे को अपनी पार्टी का मध्‍यप्रदेश का प्रदेश अध्‍यक्ष बना दिया लेकिन चम्‍बलवासी इससे संतुष्‍ट नहीं हैं ।

आज चम्‍बल में इस पृथक चम्‍बल राज्‍य की मांग पर श्री हनुमान प्रसाद चौबे के नेतृत्‍व में लम्‍बी लड़ाई लड़ी जा रही है । राष्‍ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव द्वारा ग्‍वालियर टाइम्‍स से चर्चा करते हुये कहा कि हम अपनी मांग पर अटल हैं और पृथक चम्‍बल राज्‍य बनवा कर ही दम लेंगे, चाहे संघर्ष कितना भी लम्‍बा क्‍यों न हो ।