बुधवार, 16 मई 2012

हो जाइये सावधान शनि फिर बदल रहे हैं राशि, अगस्त से है शनि की अतिचारी चाल, लायेंगें भूचाल - नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’

हो जाइये सावधान शनि फिर बदल रहे हैं राशि, अगस्त से है शनि की अतिचारी चाल, लायेंगें भूचाल
-    नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
 
शनि ने इस साल तमाम हेर फेर और उथल पुथल साल के प्रारंभ में ही कर डालीं हैं , शनि पिछले साल 15 नवंबर से राशि बदल कर तुला राशि में प्रविष्ट हुये और दिसंबर जनवरी के महीने में अपनी हरकतें या प्रभाव की झलकियॉं दिखा कर 7 फरवरी को वक्री हो गये और वापस अपने पीछे की ओर चलने लगे । हालांकि 15 नवंबर से 7 फरवरी तक शनिदेव केवल 5 अंश 28 कला यानि 5 डिग्री 28 मिनिट ही चले , लेकिन इस दरम्यान उन्होंनें आगे जिसके साथ जो करना है उसका ट्रेलर यानि हल्की सी झलक दिखा दी ।
शनि का प्रभाव आगे के वक्त में कैसा रहेगा यह जानना बेहद आसान है , यदि गुजरे दिसंबर जनवरी के महीने 7 फरवरी तक आपके जैसे गुजरें हों वैसा आपका वक्त अब प्रचंड रूप से इसी साल के 04 अगस्त के बाद के समय में रहेगा, और गये साल 15 नवंबर से पहले जैसा आपका वक्त गुजरा है वैसा वक्त अभी आपका 16 मई से 25 जून और उसके बाद 04 अगस्त तक रहेगा ।
अब शुरू होंगी शनि की ऑंख मिचौली वाली गहरी चालें
शनिदेव इसी साल 16 मई को पुन: वापस उच्च के तुला राशि छोड़कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगें और इस समय शून्य अंश पर 16 मई को होंगें , इसके बाद कन्या राशि में वक्री गति से चलते हुये 25 जून को कन्या राशि में ही मार्गी हो जायेंगें । इस दरम्यान शनिदेव केवल 28 अंश 44 कला यानि 28 डिग्री 44 मिनिट तक ही घटेंगें उसके बाद मार्गी होते ही शनिदेव के राशि अंश बढ़ने लगेंगें ।
गौरतलब है कि हालांकि शनिदेव 25 जून के बाद ही अतिचारी गति प्रारंभ कर देंगें और तेज गति से आगे बढ़ने लगेंगें । इस दरम्यान 16 मई से वृश्चिक राशि पर विगत वर्ष 15 नवंबर से आई शनि की साढ़े साती 04 अगस्त तक के लिये समाप्त हो जायेगी और सिंह राशि पर समाप्त हुयी साढ़ेसाती 04 अगस्त तक के लिये पुन: शुरू हो जायेगी जो कि विगत वर्ष 15 नवंबर को सिंह राशि पर से समाप्त हो गयी थी ।
इस सारी उथलपुथल में जो एक और भेद छिपा है वह यह है कि 16 मई से शनि के राशि बदलने और 25 जून से चाल पलटने के बावजूद लगभग बेअसर से रहेंगें और लोगों को शनिदेव का प्रभाव विगत वर्ष 20 अक्टूबर से 15 नवंबर तक जेसा उनका वक्त गुजरा होगा वैसा ही महसूस होगा , मतलब यह कि 16 मई से 04 अगस्त तक शनिदेव की बदली हुयी चालों का कोई खास असर लोगों को महसूस नहीं होगा , न उनको जिनका यह वक्त अच्छा गुजरेगा और न उनको जिनका यह वक्त ख्‍राब गुजरेगा , लगभग बेअसर सा वक्त गुजरेगा ।
शनि देव का खास खेल या बहुत गहरी व असल चाल शुरू होगी 04 अगस्त से, अपनी उच्च की तुला राशि में 04 अगस्त से 8 अक्टूबर तक शनि देव 6 डिग्री 14 मिनिट तक राशि पार कर चुके होंगें , और 08 अक्टूबर को शनिदेव अस्त हो जायेंगें , 11 नवंबर को शनि उदय होंगें और धुआंधार अपनी अतिचारी चाल से चलते हुये 11 नवंबर से तमाम भूचाल ला देंगें , तमाम लोगों को बुरी तरह उठा पटक कर पटकेंगें तो कईयों को भिखारी से राजा बना देंगें और कई राजाओं को भिखारी बना देंगें , शनिदेव इसी चाल से अपना खेल खेलते रचते 18 फरवरी 2013 को वापस तुला राशि में ही वक्री हो जायेंगें । 04 अगस्त से पुन: सिंह राशि पर शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जायेगी और वृश्चिक राशि पर पुन: शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जायेगी ।     

कोई टिप्पणी नहीं :