शुक्रवार, 17 अक्तूबर 2008

भिण्‍ड जिला विधानसभा निर्वाचन 2008 राजनैतिक दल आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करें-कलेक्टर सुहेल अली

भिण्‍ड जिला विधानसभा निर्वाचन 2008 राजनैतिक दल आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन करें-कलेक्टर सुहेल अली

भिण्ड 16 अक्टूबर 2008

       विधानसभा निर्वाचन 2008 के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के लिये आदर्श संहिता जारी कर दी गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुहेल अली ने राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों से इस आचरण संहिता का पालन करने की अपेक्षा की है। ताकि निष्पक्ष, शांतिपूर्ण निर्विघ्न सम्पन्न हो सके। किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नही करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धर्मो या भाषायी समुदायों के बीच मतभेदों को बढाये या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करे। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाय, तब वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नही की जाना चाहिए जिनकी सत्यता प्रमाणित न हुई हो या तोड मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो।

       मत प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई दी जानी चाहिए। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के लिये मंच के रूप में उपयोग नही किया जाना चाहिए। सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए। जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर भीतर (चुनाव प्रचार) करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घण्टे की अवधि के दौरान सार्वजनिक संभाएें करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना। सभी राजनैतिक विचारों या कार्यो का कितने ही विरोध क्यो न हो, व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिये उनके घरों के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नही लेना चाहिए।

        किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को झण्डा खडा करने, बैनर टांगने, सूचना चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिये किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी सहमति के बिना उपयोग  नही की जानी चाहिए। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके गडबडी पैदा नही करना चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नही ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा संभाएं की जा  रही  है  एक  दल  द्वारा निकाले गये पोस्टर  दूसरे  दल  के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नही जाने चाहिए। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस  प्राधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना दे देनी चाहिए ताकि उनके द्वारा यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये आवश्यक व्यवस्था की जा सके। राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उस स्थान पर जहां सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बाधात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश (निषेधाज्ञा) लागू तो नही है, यदि ऐसे आदेश लागू हो तो, उनका कडाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उनके लिये समय से आवेदन करना चाहिए और छूट प्राप्त कर लेना चाहिए।

       यदि किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाउडस्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिये अनुमति या अनुज्ञप्ति (लाईसेन्स) प्राप्त करनी हो तो दल या अभ्यर्थी को संबंधित अधिकारी के पास काफी पहले ही आवेदन करना चाहिए और इसकी अनुमति या अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लेनी चाहिए। किसी सभा के आयोजकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सभा में विध्न डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयत्न करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिये डयूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करें, आयोजकों को चाहिए कि वे स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्व कोई कार्यवाही न करे। जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। सामान्यत: कार्यक्रम में कोई फेरबदल नही होनी चाहिए।

       आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को अग्रिम सूचना दे दें, ताकि वे आवश्यक व्यवस्था कर सकें। आयोजकों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरना है उनमें कोई (निषेधाज्ञा) तो लागू नही है, जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दी जाए, उन निर्वाधनों का पालन करना चाहिए। यातायात के नियमों और निर्बधनों का भी ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए। 

       आयोजको को चाहिए कि जुलूस ऐसे ढंग से निकाला जाये जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किये बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके। यदि जुलूस बहुत लम्बा है तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकडों में संगठित किया जाना चाहिए, ताकि सुविधाजनक अंतरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहों से होकर गुजरना है, रूकें हुये यातायात के लिए समय समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके। जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सड़क की दायी ओर रखा जाए और डयूटी पर तैनात पुलिस के निर्देशों और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते या उसके भाग से जुलूस निकाले का प्रस्ताव किया है,  तो  आयोजको  को  चाहिए  कि  वे  समय  से  काफी  पहले  आपस  में  संपर्क स्थापित कर ले और ऐसी योजना बनाये जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिये सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन सहायता संतोषजनक इंतजार करने के लिय सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से संपर्क स्थापित करना चाहिए।

       जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजे लेकर चलने के विषय में, जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा, विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियंत्रण करना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतलें लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसीप्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नही करना चाहिए। सभी राजनैतिक दलों व अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे यह सुनिश्चत करे कि मतदान शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओं को इस बात की पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुये अधिकारियों के साथ सहयोग करें। अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त बिल्ले या पहचान पत्र दें। इस बात से सहमत हो कि मतदाताओं की उनके द्वारा दी गई पहचान पर्चियां सादे कागज पर होगी और उन पर कोई चिन्ह अंकित नही होना चाहिए उसके पूर्व के 24 घण्टे के दौरान किसी को शराब पेश या वितरित न करें। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा मतदान केन्द्रों के निकट लगाए गए कैम्पों के नजदीक अनावश्यक भीड़ इकटठी न होने दे जिससे दलों और अभ्यर्थियों के कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में आपस में मुकाबला और तनाव न होने पावे। यह सुनिश्चित करें कि अभ्यर्थियों के कैम्प साधारण हो, उन पर कोई पोस्टर, झण्डे, प्रतीक या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित न की जाये, कैम्पों में खाद्य पदार्थ पेश न किये जाएं और भीड़ न लगाई जाए।

       मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाये जाने वाले निर्बधनों का पालन करने में प्राधिकारियों के साथ सहयोग करें और वाहनों के लिए परिमिट प्राप्त कर ले और उन उन्हें वाहनों पर ऐसे लगा दे जिससे वे साफ साफ दिखाई देते रहे। मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गये विधिमान्य पास के बिना मतदातन केन्द्रों में प्रवेश नही करेगा। निर्वाचन आयोग प्रेक्षक नियुक्त कर रहा है। यदि निर्वाचनों के संचालन के संबंध में अभ्यर्थियों या उनके अभिकर्ताओं को कोई विशिष्ट शिकायत या समस्या हो तो वे उसकी सूचना प्रेक्षक को दे सकते है। सत्ताधारी दल को, चाहे वह केन्द्र में हो या संबंधित राज्य हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह शिकायत करने का मौका न दिया जाए कि उस दल ने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिये अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है, और विशेष रूप से मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को निर्वाचन में निर्वाचन से संबंधित प्रचार कार्य के साथ नही जोडना चाहिए और निर्वाचन के दौरान प्रचार करते हुयें शासकीय मशीनरी अथवा कर्मियों का प्रयोग नही करना चाहिए। सरकारी विमानों, गाड़ियों सहित सरकारी वाहनो, मशीनरी और कर्मियों का सत्ताधारी दल के हित को बड़वा देने  के  लिये  प्रयोग  नही  किया जाएगा। सत्ताधारी दल को चाहिए कि वह सार्वजनकि स्थान जैसे मैदान इत्यादि  पर  निर्वाचन सभाएं आयोजित करने और निर्वाचन के संबंध में हवाई उड़ानों के लिए हैलीपेडों के इस्तेमाल करने के लिये अपना एकाधिकार न जमाए, ऐसे स्थानों का प्रयोग दूसरें दलों और अभ्यर्थियों को भी उन्ही शर्तो पर करने दिया जाए जिन शर्तो पर सत्ताधारी दल उनका प्रयोग करता है।

       सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थियों का विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नही होगा और ऐसे आवासों का प्रयोग निष्पक्ष तरीके से करने के लिये अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी अनुमति दी जाएगी। किन्तु कोई भी दल या अभ्यर्थियों ऐसे आवासों का (इनके साथ परिसरों सहित) प्रचार कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रोपेगण्डा के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से प्रयोग नही करेगा या उसे प्रयोग करने की अनुमति नही दी जाएगी। निर्वाचन अवधि के दौरान, राजनैतिक समाचारों तथा प्रचार की पक्षपातपूर्ण व्याप्ति के लिये सरकारी खर्चे से समाचार पत्रों में या अन्य माध्यमों से ऐसे विज्ञापनों का जारी किया जाना तथा सरकारी जन माध्यमों का दुरूपयोग कर्तव्यनिष्ठ हो कर बिल्कुल बंद रहना चाहिए जिनमें सत्ताधारी दल के हितों को अग्रसर करने की दृष्टि से उनकी उपलब्धियां दिखाई गई हो।

       मंत्रियों और अन्य प्राधिकारियों को उस समय से जब से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन घोषित किए जाते है। मंत्री और अन्य प्राधिकारी, उस समय से जब से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन घोषित किए जाते है। किसी भी रूप से कोई भी वित्तीय मंजूरी या बचन देने की घोषणा नही करेगें और (सिवाय लोक सेवको) किसी प्रकार की परियोजनाओं अथवा स्कीमों के लिए आधार पर शिलाएं आदि नही रखेंगे और सड़कों के निर्माण का कोई वचन नही देगें, पीने के पानी की सुविधाये नही देगे आदि और शासन सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कोई भी तदर्थ नियुक्ति नही करेगें, यदि जिससे सत्ताधारी दल के हित में मतदाता प्रभावित हो। केन्द्रीय या राज्य सरकार के मंत्री, अथ्यर्थी या मतदाता या प्राधिकृत अभिकर्ता की अपनी हैसियत को छोडकर किसी भी मतदान केन्द्र या गणना स्थल में प्रवेश नही करेगें।

 

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