मंगलवार, 1 अप्रैल 2008

मेट्स के प्रशिक्षण हेतु कार्यक्रम निर्धारित

मेट्स के प्रशिक्षण हेतु कार्यक्रम निर्धारित

मुरैना 29 मार्च 08/ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा के अनुसार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी स्कीम मध्य प्रदेश के लिए मेट्स  के प्रशिक्षण का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है ।

              निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मास्टर ट्रेनर्स श्री वी.एल.शर्मा द्वारा पोरसा में 1से 8 अप्रेल, अम्बाह में 9 से 17 अप्रेल और मुरैना में 21 से 26 अप्रेल तक मेट्स को प्रशिक्षण दिया जायेगा । इसी प्रकार जौरा में 1 से 8 अप्रेल, पहाडगढ में 9 से 15 अप्रेल, कैलारस में 16 से 22 अप्रेल और सबलगढ में 23 से 29 अप्रेल तक मास्टर ट्रेनर्स श्री बासुदेव शर्मा मेट्स को प्रशिक्षण देंगे ।

 

हाई वे शान्ति क्षेत्र घोषित: प्रेशर हॉर्न वर्जित

हाई वे शान्ति क्षेत्र घोषित: प्रेशर हॉर्न वर्जित

मुरैना 29 मार्च 08/ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आकाश त्रिपाठी ने ध्वनि प्रदूषण (विनमय और नियंत्रण) नियम 2000 के अंतर्गत एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 पर के.एस. ऑयल मिल चौराहे से 5 वीं वाहिनी के प्रवेश द्वार तक के क्षेत्र को शांति क्षेत्र घोषित किया गया है । इस शांति क्षेत्र में प्रेशर हॉर्न का उपयोग वर्जित रहेगा।

              उल्लेखित है कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण वोर्ड द्वारा मुरैना शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 पर के.एस. ऑयल मिल चौराहे से 5 वीं वाहिनी के प्रवेश द्वार तक किये गये ध्वनि स्तर मापन आंकडों के आधार पर ध्वनि स्तर अधिक पाया गया है। इसका मुख्य कारण वाहनों का अत्याधिक आवागमन और प्रेशर हॉर्न का उपयोग होना बताया गया है। ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के उध्देश्य से जिला दंडाधिकारी ने उक्त अधिसूचना जारी कर जिला परिवहन अधिकारी को शान्ति क्षेत्र में प्रेशर हॉर्न वर्जित क्षेत्र का चिन्ह स्थापित करने और अनुविभागीय दंडाधिकारी मुरैना, नगर पुलिस अधीक्षक मुरैना तथा प्रभारी अधिकारी यातायात पुलिस मुरैना को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 

 

पटवारी राजाराम शर्मा शासकीय सेवा से बर्खास्‍त

पटवारी राजाराम शर्मा शासकीय सेवा से बर्खास्‍त

मुरैना 29 मार्च 08/ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अम्बाह ने विभागीय जांच प्रकरण में साक्ष्यों की सुनवाई और विवेचना उपरांत पटवारी श्री राजाराम शर्मा को 7 अगस्त 93 से शासकीय सेवा से पदच्युत (टरमिनेट) करने के आदेश पारित किये हैं। उक्त पटवारी के विरूध्द स्थानांतरण के उपरांत अनुपस्थित रहने के कदाचरण के कारण विभागीय जांच संस्थित की गई थी।

              तहसील पोरसा में पदस्थ पटवारी श्री राजाराम शर्मा को 30 जून 93 की तहसील जौरा के लिए किये गये कलेक्टर के स्थानांतरण आदेश के पालन में तहसीलदार पोरसा द्वारा 7 अगस्त 93 को भारमुक्त कर दिया गया था। उक्त पटवारी के विरूध्द 7 अगस्त 93 से निरंतर अपने सेवा दायित्वों से अनुपस्थित रहने के कारण विभागीय जांच संस्थित की गई। विभागीय जांच के दौरान उक्त पटवारी ने यह जवाव प्रस्तुत किया कि वह स्थानांतरण आदेश के पालन में 16 सितम्बर 93 को तहसील जौरा में उपस्थित हुआ और अस्वस्थ होने के कारण 17 सितम्बर 93 को अपना आवेदन आफिस कानूनगो तहसील जौरा को देकर छुट्टी पर चला गया। स्वस्थ होने पर 25 जनवरी 02 को तहसील जौरा में उपस्थित होने पर तहसीलदार द्वारा उपस्थित नहीं कराया गया। इस सम्बन्ध में  उक्त पटवारी ने अधीक्षक भू- अभिलेख को भी 3 अगस्त 2003 को आवेदन प्रस्तुत कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया ।

              प्रकरण की विवेचना में सम्बन्धित पटवारी के उक्त कथन की पुष्टि नहीं पाई गई । उक्त पटवारी द्वारा 25 जनवरी 02 को स्वस्थ होने पर कार्य पर उपस्थित होने का कथन निराधार पाया गया। जबकि उसके द्वारा प्रस्तुत मेडीकल फिटनेस प्रमाण पत्र 6 अगस्त 02 को जारी करना पाया गया। तहसील जौरा में वर्ष 1993 में पदस्थ रहे पटवारियों के वेतन भुगतान पत्रकों में भी उक्त पटवारी का वेतन आहरण किये जाने सम्बन्धित कोई प्रमाण नहीं मिला । अवकाश पर रहने और समय-समय पर अवकाश वृध्दि की सूचना भी उक्त पटवारी द्वारा नहीं दी गई। पटवारी का यह कदाचरण स्वेच्छा पूर्वक अपनी शासकीय सेवा का परित्याग करने की श्रेणी में आता है और यह शासकीय सेवा आचरण अधिनियम 1986 के प्रावधानों का खुला उल्लंधन है। विभागीय जांच में अपचारी पटवारी के विरूध्द प्रस्तावित आरोप पूरी तरह से प्रमाणित पाये जाने के कारण अनुविभागीय अधिकारी अम्बाह द्वारा उक्त पटवारी को 7 अगस्त 1993 से शासकीय सेवा से टरमिनेट करने के आदेश पारित किये गये।

सोमवार, 31 मार्च 2008

हूँ.....लो हो गया एनकाउण्‍टर कर दिया शॉट डेड साले को

हास्‍य/व्‍यंग्‍य

हूँ.....लो हो गया एनकाउण्‍टर कर दिया शॉट डेड साले को

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

शहर ए आजम इन दिनों तफरी पर हैं, उनका स्‍टाफ आजाद इन दिनों पूरी आजादी और लोकतंत्र का आनन्‍द ले रहा है । साहब के कार्यालय में इन दिनों मार्च क्‍लोजिंग चल रहा है, साहब को हुकुम मिला कि बजट पूरा निबटाना है, एक पाई भी सरैण्‍डर नहीं होनी चाहिये । निपटाओं कैसे भी कहीं भी ।

साहब और साहब के सैनिक हर साल कुछ पैसा सरैण्‍डर कर लौटाने के आदी थे और बजट सरैण्‍डर करना तथा पैसा वापस सरकार को भेजना उनकी सालानाचर्या का अहम भाग थी । वे इसे सरकारी पैसे की बचत मानते आये थे । पैसा लौटा कर छाती ठोक के सीना तान के अपनी तारीफ में खुद ही कशीदे बॉंच लिया करते थे ।

अबकी बार ससुरी मुसीबत हो गयी, सब उल्‍टा हो गया गुल गपाड़ा हो गया । ऊपर से आदेश हैं सरैण्‍डर नहीं एनकाउण्‍टर चाहिये, वापसी नहीं उपयोगिता प्रमाण चाहिये ।

रटी रटाई लाइनों पर ट्रेडीशनलीया स्‍टाइल में काम करने वाले सरकारी कार्यालय नये किस्‍म के आदेश से चक्‍कर में पड़ गये । सरकारी बचत की जगह अब सरकारी खपत में सरकारी खुपडि़या दौड़ा दौड़ा कर बेहाल हो गये मगर ससुरा बजट था कि जित्‍ता खर्च करो बढ़ता ही जाता था ।

ऑफिस के बाबूओं के चकरघिन्‍नी हो जाने के बाद भी जब बजट का निकाल ( यह सरकारी शब्‍द है) जब पल्‍ले नहीं पड़ा तो साहब से मार्गदर्शन चाहा गया, साहब ने मोबाइल से मार्गदर्शन दिया, कि पहले लिस्‍ट बना लो कि अपने ऑफिस में क्‍या क्‍या होता है, और उसमें क्‍या क्‍या सामान लगता है या क्‍या क्‍या खर्च होता है फिर उसके सामने खर्चा डालना शुरू करो ।

बाबूओं ने साहब के निर्देशानुसार लिस्‍ट बनाना शुरू की, लिस्‍ट बनी तो ठाकुर साहब द्वारा हवन के लिये लिखाई जाने वाली सूची की तरह बन गयी । अब इस लिस्‍ट में खर्चा डालने का काम शुरू हुआ, सारे खर्चे डालने के बाद भी बजट फिर भी एनकाउण्‍टर नहीं हुआ, फिर सरैण्‍डर हुआ जा रहा था, बाबूओं ने फिर ऊपर से मार्ग दर्शन चाहा, ऊपर से मोबाइल पर आकाशवाणी स्‍टायल में साहब फिर भगवान कृष्‍ण की तरह मुस्‍कराते हुये उवाचे कि ऐसा करो कि मनमानी रकम भर दो, बाबू अर्जुन के मानिन्‍द घिघियाये कि साहब पहले से हम 400 के 3400 और 700 के 70000 लिख लिख कर रखे हैं पर फिर भी साला सरैण्‍डर कर रहा है अब कैसे एनकाउण्‍टर करें ।

साहब ने गीता के सोलहवें अध्‍याय के कृष्‍ण के मानिन्‍द कहा कि आसुरी सम्‍पदा से काम नहीं चल पा रहा तो दैवीय सम्‍पदा भी शामिल कर लो, फिर भी बात न बने तो सत्रहवें अध्‍याय वाले त्रय गुण विभाग कर लो, बाबूओं ने फिर अफसर से मार्गदर्शन चाहा और कहा प्रभो आपकी बातें कुछ समझ नहीं आ पा रहीं, अगर हिन्‍दी में बतायें तो शायद समझ में आ जाये । या फिर मुरैना के अंग्रेजी स्‍कूलों वाली इंग्लिश स्‍टायल में बता दें तो कुछ पल्‍ले पड़ जाये ।

अफसर मोबाइल वाली आकाशवाणी पर फिर कृष्‍ण स्‍टाइल को छोड़ मुरैना के अंग्रेजी स्‍कूलों के टीचर स्‍टाइल में अपनी व्‍याख्‍या सुनाने लगे और बोले, ऐसो करियो जित जित में कोमा लगे होयं तहॉ तहॉं ऐसी ऐसी मद डार दियो तिनके प्रूफ न होतई, और दो चार दिना बाद डिलीट हे जातें । जैसें दीवाल की लिखाई हर महीना के खच्‍च में एण्‍ट्री कर देओ, दीवाल की लिखाई हप्‍ता आठ दिना में मिटरत रही, हम लिखवावत रहे, ऐसेंई लिखीयो हमने भोंपू बजवाये प्रचार के काजें, रिक्‍शान में लाउडस्‍पीकर धरकें बजवाये, गामन में ऐलान करवाये, नास्‍ता फास्‍ता डीजल फीजल सिग डार डूर के देखो अब तिहाई बैलेन्‍स सीट का कहि रही है, फिरऊ बचें तो पेड़ पौधा लगाइबो दिखाय दीयो, कोऊ स्‍पष्‍टीकरण आवे तो कहि दीयो हमने तो लगाये हते, अब गैया भैंसे चर गयीं तो का करें । और बिनकी जाली को खच्‍च डारों तो लिख दीयो के पानी नहीं परो सो सूख साख गये, अबऊ कछु खच्‍च बच परे तो फैक्‍स में और फोनन में दिखाय दीओ, जे सिग कर करू के फिर हमें फोन लगाय लीयो, दूसरे नम्‍बर पे लगईयो, जा नम्‍बर को हम बन्‍द राखेंगे, पबलिक डिस्‍टरब करति है । काऊ को पानी ना आय रहो, काऊ की बिजली नाने तो काऊ की गली में सफाई ना हे रही, अब हम झाड़ू लेके जायें का, सिगुई देस परेसान है, कौन कौन की सुनें सो वा नम्‍बर की सिम खेंच देत हैं ।

बाबूओं ने साहब की समझाइस के अनुसार फिर से बजटिंग का एनकाउण्‍टर करना शुरू किया, फिर भी बजट था कि सरैण्‍डर कर रहा था । हैरान परेसान बाबूओं ने आखिर खेंच के दारू का मद भी चढ़ा दिया, साहब की डेली इत्‍ती, बाबूओं ने इत्‍ती और आने जाने वाले अतिथियों ने इत्‍ती और रोज टाइमपासीयों ने इत्‍ती पी ......। आखिर जब हिसाब लगाया तो अब न केवल बजट एनकाउण्‍टर हो गया बल्कि शॉट डेड हो गया, बल्‍कन ओवर बजट हो गया ।

मार्च क्‍लोजिंग हो गया, अब जब साहब पर्सनल टूर से लौटेंगे तो पीठ ठोकेंगे वाह भई वाह, हूं साला बार बार सरैण्‍डर कर रहा था, कर दिया एनकाउण्‍टर हो गया शॉट डेड । निबट गया गड़रिया की तरह, जादा ही अति धर रखी थी ।

बच्‍चों की परीक्षा, भयानक गर्मी और कुण्‍टलों मच्‍छरों के बीच दिन भर और फिर देर रात तक बिजली गोल

बिजली जिसने बदली थी सरकार, इतिहास दोहरा रहा है फिर वही नजारा

बच्‍चों की परीक्षा, भयानक गर्मी और कुण्‍टलों मच्‍छरों के बीच दिन भर और फिर देर रात तक बिजली गोल

अतर सिंह डण्‍डोतिया (तहसील संवाददाता)

मुरैना 31 मार्च 08, अब इसे आप क्‍या कहेंगे, इजनी बिजली तो उन्‍होंने भी नहीं कभी काटी जिनकी सरकार बदल दी गयी । यह वही बिजली कटौती है, जिसने सरकार बदल कर रातों रात प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सत्‍ता से आउट कर दिग्विजय सिंह को अपदस्‍थ करा दिया था । दिग्विजय सिंह ने कभी इतनी बिजली नहीं काटी जितनी आज कट रही है । कल दिन भर बिजली गोल रहने के साथ आज रात एक बजे तक हर आधा घण्‍टे बीस मिनिट बाद एक एक घण्‍टे के लिये गोल होती रही, भीषण गर्मी भी है, मच्‍छर भी हैं, परीक्षायें भी चल रही हैं, लेकिन बिजली गोल है ।   

दिग्विजय सिंह की बिजली कटौती में यह निर्धारित व घोषित थी और लोगों को पहले से बिजली कटौती के टाइमिंग्‍स पता होते थे, और लोगों को अच्‍छी तरह ज्ञात रहता था कि रात में कब कितने समय सोना है और कब कितने बजे छत व सड़कों पर टहलना है । भीषण्‍ा गर्मी व मच्‍छरों के बीच म.प्र. के लोगों की सन 2003 तक गुजरी रातें, म.प्र. के लोग कभी भूल नहीं पाये, हालांकि चुनाव से दो माह पहले प्रदेश में अपने आप बिजली आ गयी थी और बिजली चाक चौबन्‍द हो गयी थी लेकिन उसके बावजूद जनता ने उन्‍हें अपदस्‍थ कर दिया था ।

आज के हालात व दिग्विजय सिंह के समय के हालातों में फर्क केवल यही है, कि उस समय लोगों को पता होता था कि बिजली कब जायेगी और कब आयेगी, लेकिन अब पता नहीं होता कि कब जायेगी और कब आयेगी । तादाद ए कटौती पहले से आज ज्‍यादा है ।

वही भीषण गर्मी, वही छात्रों की परीक्षायें, वही कुण्‍टलों मच्‍छरों का हमला, वही जनता को न सुनने वाले भ्रष्‍ट अफसर सब कुछ वही, वही पुराने दृश्‍यों को दोहराते हुये इतिहास दोबारा दोहराया जा रहा है । बस फर्क केवल यही है कि केवल सरकारी पार्टी बदल गयी है । सन 2003 के चुनावों में महज तीन माह में बिजली चाक चौबन्‍द करने के वायदे और सत्‍ता में आने के बाद चार माह, छ माह फिर अठारह माह और फिर तीन साल में बिजली चौबीस घण्‍टे अबाध सप्‍लाई की घोषणा करने वाली राजनीतिक पार्टी भाजपा आज की तारीख में तो आउटडेटेड हो ही गयी है, आगे की राम जाने बची खुची जनता जाने ।            

 

बिजली जिसने बदली थी सरकार, इतिहास दोहरा रहा है फिर वही नजारा

बिजली जिसने बदली थी सरकार, इतिहास दोहरा रहा है फिर वही नजारा

बच्‍चों की परीक्षा, भयानक गर्मी और कुण्‍टलों मच्‍छरों के बीच दिन भर और फिर देर रात तक बिजली गोल

अतर सिंह डण्‍डोतिया (तहसील संवाददाता)

मुरैना 31 मार्च 08, अब इसे आप क्‍या कहेंगे, इजनी बिजली तो उन्‍होंने भी नहीं कभी काटी जिनकी सरकार बदल दी गयी । यह वही बिजली कटौती है, जिसने सरकार बदल कर रातों रात प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सत्‍ता से आउट कर दिग्विजय सिंह को अपदस्‍थ करा दिया था । दिग्विजय सिंह ने कभी इतनी बिजली नहीं काटी जितनी आज कट रही है । कल दिन भर बिजली गोल रहने के साथ आज रात एक बजे तक हर आधा घण्‍टे बीस मिनिट बाद एक एक घण्‍टे के लिये गोल होती रही, भीषण गर्मी भी है, मच्‍छर भी हैं, परीक्षायें भी चल रही हैं, लेकिन बिजली गोल है ।   

दिग्विजय सिंह की बिजली कटौती में यह निर्धारित व घोषित थी और लोगों को पहले से बिजली कटौती के टाइमिंग्‍स पता होते थे, और लोगों को अच्‍छी तरह ज्ञात रहता था कि रात में कब कितने समय सोना है और कब कितने बजे छत व सड़कों पर टहलना है । भीषण्‍ा गर्मी व मच्‍छरों के बीच म.प्र. के लोगों की सन 2003 तक गुजरी रातें, म.प्र. के लोग कभी भूल नहीं पाये, हालांकि चुनाव से दो माह पहले प्रदेश में अपने आप बिजली आ गयी थी और बिजली चाक चौबन्‍द हो गयी थी लेकिन उसके बावजूद जनता ने उन्‍हें अपदस्‍थ कर दिया था ।

आज के हालात व दिग्विजय सिंह के समय के हालातों में फर्क केवल यही है, कि उस समय लोगों को पता होता था कि बिजली कब जायेगी और कब आयेगी, लेकिन अब पता नहीं होता कि कब जायेगी और कब आयेगी । तादाद ए कटौती पहले से आज ज्‍यादा है ।

वही भीषण गर्मी, वही छात्रों की परीक्षायें, वही कुण्‍टलों मच्‍छरों का हमला, वही जनता को न सुनने वाले भ्रष्‍ट अफसर सब कुछ वही, वही पुराने दृश्‍यों को दोहराते हुये इतिहास दोबारा दोहराया जा रहा है । बस फर्क केवल यही है कि केवल सरकारी पार्टी बदल गयी है । सन 2003 के चुनावों में महज तीन माह में बिजली चाक चौबन्‍द करने के वायदे और सत्‍ता में आने के बाद चार माह, छ माह फिर अठारह माह और फिर तीन साल में बिजली चौबीस घण्‍टे अबाध सप्‍लाई की घोषणा करने वाली राजनीतिक पार्टी भाजपा आज की तारीख में तो आउटडेटेड हो ही गयी है, आगे की राम जाने बची खुची जनता जाने ।            

 

गरज चमक के साथ गिरा पानी, गर्मी से हल्‍की राहत किसान की मुसीबत

गरज चमक के साथ गिरा पानी, गर्मी से हल्‍की राहत किसान की मुसीबत

अतर सिंह डण्‍डोतिया (तहसील संवाददाता)

मुरैना 31 मार्च 08 कल शाम बादलों की भारी गरज और बिजली की भारी चमक के बीच पानी बरसा । हालांकि बरसात अधिक देर तक नहीं हुयी और आवेग भी अधिक तेज नहीं था, लेकिन गर्मी के अभिमान को दबाने में कामयाब हुयी और बरसात के बाद गर्मी व मच्‍छरों से जूझ रहे बिजली कटौती में ब्‍लडप्रेशर व हार्ट अटैक जैसी व्‍याधियों से परेशान लोगों को ठण्‍डी हवाओं ने काफी राहत व सूकून दिया । रात भर चली ठण्‍डी हवायें लोगों को तरोताजा कर गयीं वहीं आज सुबह बच्‍चों की हाईस्‍कूल परीक्षा का अंतिम पर्चा भी है । बच्‍चों को भी ठण्‍डक ने पढ़ाई में मदद की । हालांकि पूरे दिन हुयी बिजली कटौती के बाद देर रात एक बजे तक हर आधा घण्‍टे बाद, बीस मिनिट बाद एक एक घण्‍टे के लिये कटी बिजली ने जहॉं आम जनता को परेशान रखा वहीं बच्‍चों के रिवीजन में भी वे बेहाल हो गये ।

दूसरी ओर किसानों के चेहरों पर अचानक बरसात आने से हवाईयां उड़ने लगीं हैं, उनकी फसल इस समय खलिहानों और थ्रेशरों पर पड़ी है कई जगह तो अभी कटाई जारी है । ऐसे में आंधी पानी उनकी फसल को पूरी तरह नष्‍ट कर देगा । जबकि पहले से ही अंचल में बरसात न होने, नहर से सिचाई का पानी न मिल पाने और अन्‍धाधुन्‍ध बिजली कटौती के चलते वह अपनी फसल इस साल पूरी नहीं कर पाया है और जैसे तैसे जो चन्‍द फसल राशि सामने आ भी गयी है वह आंधी पानी के खतरे में है ।